वाराणसी – मुख्यालय पर उड़ता आचार संहिता का मखौल
शस्त्र लिए बेरोक टोक मुख्यालय परिसर में टहला युवक |
आर के गुप्त
वाराणसी. आदर्श आचार संहिता के लागु होते ही हर शहर के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने पसीने बहाने शुरू कर दिए है. इसमें वाराणसी भी पीछे नहीं रहा है. यहाँ भी वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक के कड़े निर्देशों के साथ पुलिस ने कई वाहनों के ब्लैक फिल्म उतरवाए. सडको पर कई वाहनों से झंडे और स्टीकर उतरवाए, यहाँ तक कि खुद सडको पर उतर कर अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही की. मगर बात तब समझ नहीं आती है जब नियमो का पालन करवाने वाले अधिकारी/कर्मचारी ही नियमो की धज्जिया उड़ाते दिखते है. इसकी एक बानगी आज जिला मुख्यालय पर देखने को मिली.
पहला प्रकरण समाचार के साथ लगा यह चित्र खुद बया कर रहा है. जिला मुख्यालय के पश्चिमी गेट पर टाटा सफारी से आये इन सज्जन ने अपना वाहन बाहर ही छोड़ कर खुद शस्त्र लेकर अन्दर बे रोक टोक गए. जबकि जिला मुख्यालय के इसी गेट से सटा वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक का कार्यालय है साथ ही क्षेत्राधिकारी कैंट का भी कार्यालय है. गेट पर ही सुरक्षा कर्मी मुस्तैद रहते है. गेट से ही बिना जाँच और पूछ ताछ के सज्जन हाथ में यह शस्त्र लेकर फ़ोन पर बात करते हुवे वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक कार्यालय के सामने से होते हुवे रायफल क्लब तक गए और अपना कार्य किया और उसी बेफिक्री और रफ़्तार से वापस आये. कोई रोकने वाला नहीं कोई टोकने वाला नहीं. बस साहेब अपनी धुन थे. वास्तव में देखने में और सुनने में अजीब लग रहा है कि आखिर कैसे यह संभव है मगर ऐसा हुवा है. प्रश्न उठता है इसी कचहरी परिसर में आतंकवादी घटनाये भी हो चुकी है, इसी परिसर में अभी कुछ माह पहले बम भी बरामद हुवा है. फिर भी सुरक्षा में इस प्रकार की ढील समझ से इतर है.
चौकी इंचार्ज विवेकानंद सिंह ने उतरवाया सरकारी जिप्सी से काली फिल्म
दूसरा प्रकरण यह है की जिला मुख्यालय के इसी पश्चिमी गेट के सामने आज सुबह से शाम तक एक सरकारी जिप्सी खडी थी जिसका फोटो आप समाचार के साथ देख रहे है. जिप्सी के आगे और पीछे उत्तर प्रदेश सरकार लिखा हुआ था. साइड में 4X4 लिखा था. जिप्सी के शीशे पर घनी काली फिल्म लगी थी. दोपहर में पत्रकारों की नज़र इस पर पड़ी और सभी इस समाचार का संकलन करने लगे. इसी बीच किसी ने इस समाचार की सुचना सोशल मीडिया पर दे दिया. आनन फानन में शाम लगभग 5 बजे क्षेत्राधिकारी कैंट राजकुमार ने जब यह समाचार पढ़ा तो इसका संज्ञान लेते हुवे कचहरी चौकी इंचार्ज विवेकानंद सिंह को मौके पर भेजा. चौकी इंचार्ज ने आकर जिप्सी को देखा और उसके ड्राईवर को बुलाकर गाड़ी की काली फिल्म खुद अपने हाथो से उतारी.