समाजसेवा व् रक्तक्रांति के पर्याय बने सुरेन्द्र अग्रवाल

अब्दुल रज्जाक/जयपुर
स्टूडेंट हेल्प सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष   द्वारा रक्तक्रांति जागृति अभियान के तहत राज्य भर में चल रहे डेंगू व चिकनगुनिया रोगियों के लिए रक्त,आर.डी.पी.व एस.डी.पी.की व्यवस्था कर प्रतिदिन 7-8 जरुरतमंदो की मदद कर जान बचायी गई है।
सुरेन्द्र अग्रवाल ने रक्त क्रान्ति के नाम से सोशल मीडिया में राज्य भर के रक्तदाताओं व सेवाभावियों को जोड़ते हुये सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया जिससे राज्य भर की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।जयपुर जीवनदाता ग्रुप के उनके मित्र शरद हिंगड़ और नरेंद्र नेगी के साथ राज्य भर में क़रीबन 5000 एसडीपी की व्यवस्था कर रक्तसेवा में अनुकरणीय कार्य किया है,जो रक्त क्रान्ति के क्षेत्र में अनुकरणीय पहल है।राज्य भर में रक्त क्रान्ति के अभियान में टीम बनाई गई जो दिन रात फ़ोन व सोशल मीडिया पर जरुरतमंदों की सेवा में लगी रही।उनकी पहल पर राज्य भर में जरुरतमंदो की सेवा के साथ वक़्त जरुरत रोगी के परिजनों का रिकार्ड भी लिया जिससे वह प्रेरणा ले आगे सहयोग कर सके।सोशल मीडीया पर जागरुकता अभियान के तहत रक्त के बारे मेंजानकारी के साथ-२ उससे होने वाले लाभ व  आवश्यकता पर ज़ोर दिया जाता है।कोटा जिले में 2016 के सीजन में उन्होंने कोटा में रहकर लोगो की मदद की और कम से कम 300 जरुरतमंदो को आर.डी.पी.व एस.डी.पी उपलब्ध करवायी ।उनके ग्रुप से राजेंद्र जी माहेश्वरी और राकेश जी वैष्णव को पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है
कोटा शहर से मुकेश विजय , नीरज सुमन ,सोनल गुप्ता,सौरभ अग्रवाल ,घनिष्ट जिंदल ,रोहित सिंह,अमन कालरा,सन्नी ढींगरा, नितेश मालव ने दिन रात एक करके शहर को सोशल मीडीया व व्हाट्स एप्प आदि पर जागरुक कर जरुरतमंदो को सहयोग किया। जरुरतमंद केस को सभी मिलकर मदद करते  और आवश्यकता पूरी होने पर जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।और रात को सभी केस सॉल्व करने के बाद सुरेन्द्र अग्रवाल सोते थे ।पूछा जाता था की कोई केस पेंडिग तो नहीं ।इसके साथ ही समाजसेवी अग्रवाल द्वारा सर्दियो के मौसम में जरूरतमंदों को रजाई ,कम्बल की भी व्यवस्था करवाते है।जिसके लिए एक हेल्प लाइन नंबर (9549528262)जरी किया गया ।कही भी कोई जरूरतमंद दिखे आप फोन कर सकते है ।ज्ञातव्य है की अग्रवाल व् उनकी टीम द्वारा साल भर सक्रिय रहकर जन्मदिवस व् जरूरतमंद बच्चों के साथ बनाने की प्रेरणा का कार्य भी नियमित हेतु प्रेरणा मय है ।गर्मी में चप्पल वितरण के विशाल आयोजन ,सर्दियो में रजाई केम्प और डेंगू और माहवारी सीजन में रक्त उपलब्ध करवाकर एक युवा सोच समाज में एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रदान किया है ।

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1 thought on “समाजसेवा व् रक्तक्रांति के पर्याय बने सुरेन्द्र अग्रवाल”

  1. Bht khub is pahal m hum b apke sath h surendra ji hmne b dekha h apko karya krte hue or bht bar prayas b kiya h madad krne ka bhtsarahniya karya h or kisi ek ka nhi har vyakti ko jagruk hona chahiye.

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