तिलहर – बसपा की उम्मीद की किरण कही कमज़ोर तो नहीं
इमरान सागर/तिलहर शाहजहाँपुर
एक दशक तक क्षेत्र पर बसपा काबिज होने के बाद भी विभिन्न विकास कार्यो से अछूता रहा बिधान सभा १३३ तिलहर जबकि कम से कम एक सत्र प्रदेश में बसपा की ही सरकार रही वहीं दूसरी सबसे अहम यह कि परिसिमन बदलाव का भी खासा फर्क पड़ा! शासनिक एंव प्रशासनिक तौर पर क्षेत्रिय बदलाव से आखिर प्रभावित तो क्षेत्र और वोटर ही होता रहा जिसके चलते विकास कार्य मात्र एक सपने से अधिक कुछ नही रहा बिधान सभा १३३ तिलहर क्षेत्र के लिए।
चुनावी रण तैयार है! बहुजन समाज पार्टी के अपने शासन काल में मंत्री रहे अवधेष कुमार वर्मा को बिधान सभा १३३ तिलहर से विश्वास के साथ प्रत्याशी के रूप में उतारा है! लम्बे अर्से से क्षेत्र में बसपा की जमीन तैयार कर रहे हैं और इसका इंकार नही कि वे चुनाव में पूरी तैयारी के साथ अपने समर्थको को साथ लेकर मैदान में डट गये।
गौर करने वाली बात है कि जहाँ एक ओर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार होने के बाद भी कुछ समय के लिए ही सही लेकि १३३ बिधान सभा तिलहर क्षेत्र में विकास के नाम पर रोशन लाल वर्मा एक ईट तक नही लगवा पाए तो एैसे में बहुजन समाज पार्टी से क्षेत्र एंव उसका वोटर क्या उम्मीद कर सकता है हाँ यह दूसरी बात है कि प्रत्याशी के रूप में चेहरा तो बदल ही गया।
पिछले दस वर्ष में दो बार क्षेत्र के जिन विकसा के मुद्दो का एजेन्डा लेकर वोटरो को लुभाते हुए सीट पर जीत हासिल की जाती रही और उन्ही मुद्दो को भूल कर क्षेत्र की सुध तक लेने की कोशिश नही की गई आज क्षेत्र के उसी वोटर के मन में अब कोई शिकायत तो नज़र नही आती लेकिन कई प्रश्न जरूर पैदा कर रही है कि आखिर क्षेत्र को विकास के पथ पर कौन ले जा सकता है! विश्वास के लिए एक या दो बार परन्तु आज का जागरुक वोटर अब कोई मौका देने के मूड में नही लगता।
बिधान सभा १३३ तिलहल क्षेत्र के वोटर से मन भर जाना कहे या फिर बसपा से तालमेल न बैठपाना कहें, हालात कुछ भी रहे हो परन्तु एक दशक में दो बार क्षेत्र काबिज रहे रोशन लाल वर्मा को निकाल कर बहुजन समाज पार्टी नें अपने पूर्व मंत्री अवधेश कुमार वर्मा पर दाव खेल कर वोटरो को लुभा रही है! यह समय के गर्भ में है कि जीत का सेहरा कौन बाधेंगा अपने सर लेकिन बिरादरी बाद की जोड़ तोड़ फिलहाल जारी हो गई है।
याद दिलाते चले कि बिजली आपूर्ती अब क्षेत्र के लिए कोई समस्या नही है लेकिन विभाग की ओर से आने वाले मोटी रकम के बिल कमाई को स्रोत जरूर है वही ग्रामीण क्षेत्रो में विकास के नाम दयनीय हालातो में पिछले दस वर्षो में कोई सुधार का कार्य नही करा पाया एैसे में क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी जीतने के बाद भी कहीं प्रदेश की सत्ता किसी अन्य के हाथ पहुंचते ही क्षेत्र में विकास का रोड़ा के नाम पर जनप्रतिनिधि के पास फिर वही पुराना राग कि सत्ता में हमारी सरकार नही है! प्रश्न वही कि कहीं बहुजन समाज पार्टी से उम्मीद लगाना कहीं कमजोर किरन तो नही जिसका उजाला ही नज़र नही आता।