अम्बेडकरनगर पुलिस – समरथ को नहीं दोष गुसाई…
अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर. सॉप भी मर जाय और लाठी भी न टूटे कहावत तो आपने ज़रूर सुनी होगी. बचपन से हम भी सुनते आये है. आज के इस घटनाक्रम में इस कहावत को चरितार्थ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अकबरपुर थाने की दिवार ख़राब हो चुकी है. सच मायने में दिवार को पुताई की अति आवश्यकता है. शायद यह बात क़स्बा चौकी प्रभारी संतोष सिंह को भली भाति समझ आ गया होगा इसी कारण पुताई का साहेब ने अचूक तरीका निकाला.
पीड़ित के बयान और चर्चाओ के अनुसार थाने की चारदीवारी से सटी एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान है जो सड़क पर ही गिट्टी बालू गिरवा रहा था. चर्चाओ के अनुसार दरोगा जी को पुताई का शोर्टकट रास्ता दिखाई पड़ा और उन्होंने मजदूर, ड्राईवर और यहाँ तक की मुंशी को भी थाने पर बैठा लिया की मौके पर पहुचे दुकानदार ने मान मानुवल करनी शुरू कर दिया पीड़ित के बयान के अनुसार दरोगा ने थाने की दिवार को 2 दिन के अन्दर पुतवाने का फरमान जारी कर दिया दुकानदार ने साहब से हां कहने में ही अपनी भलाई समझी। सवाल यह है कि आखिर इस खाकीधारी दरोगा की मनमानी पर अधिकारी कब अंकुश लगा सकेंगे। हैरत की बात यह है कि जिला मुख्यालय पर जगह-जगह सड़क के किनारे गिट्टी मोरंग गिराकर अतिक्रमण किया गया है। इस अतिक्रमण के चलते कई बार यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई तथा दुर्घटनाएं भी हुई हैं। इसके बावजूद पुलिस की नजर कही भी ऐसे दुकानदारों पर नहीं पड़ी। पुलिस का कहर केवल कोतवाली के निकट दुकानदार पर ही टूटा है।