डिजाइन क्लीनिक योजना के तहत जागरुकता सेमिनार का आयोजन
उन्होंने कहा की राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिष्पर्धात्मकता कार्यक्रम एनएमसीपी के भाग के रुप में विकास आयुक्त एमएसएमई कार्यालय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उधम मंत्रालय भारत सरकार 11 वीं योजनावधि के लिए डिजाइन क्लिनिक योजना का कार्यान्वन किया जाना है।डिजाइन क्लिनिक योजना का उद्देश्य डिजाइन एवं नवप्रवर्तनो की समझ एवं अनुप्रयोग को बढाना है।डिजाइन मूल्यसंवर्धनकारी कार्यकलाप के रुप में बढावा देना है और इसे एमएसएमई के मुख्य धारा के व्यवसायों और औधोगिक प्रक्रियाओ के साथ एकीकृत करना है।यह योजना एमएसएमई के विनिर्माण से सम्बंधित खंड की सहायता करने के दीर्घावधि लक्ष्य के अनुपालन में मूल्य श्रृंखला को वास्तविक उपकरण विनिर्माण से वास्तविक डिजाइन विनिर्माण के माध्यम से वास्तविक ब्रांड विनिर्माण की ओर ले जाने के लिए कार्यान्वित किया जा रहा है।योजना के तहत आर्थिक रुप से अनुदान का प्रावधान है।सेमिनार में डिजाइन सहायक प्रोफेसर नेशनल इंस्टीच्यूट आफ फैशन टेकनालाजी निफ्ट नई दिल्ली तथा अनिल त्रिपाठी औद्योगिक सलाहकार कानपुर ने भी संबोधित किया।इसके अलावा विकास संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियो ने भी प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई।एकमा के पूर्व अध्यक्ष विनय कपूर ने कहा की कालीन उधोग से जूडे निर्माताओ व निर्यातक के लिए विशेष रुप से समय के अनुरुप डिजाइन एवं अन्य विषयो पर विशेषज्ञो द्वारा प्रस्तुति विशेष लाभदायक होगा।लेकिन भदोही का हैडंमेड कार्पेट विश्व में एक अलग मुकाम रखता है।और आप जो बता रहे है वो सब कर रहे है।हमारे उधोग को सहयोग की जरुरत है लेकिन उसका लाभ मिलेगा उसके लिए कितनी पापड बेलना होगा यह चिंतनीय है।उन्होंने कहा की हमारे उधोग संबंधी बेहतर योजना बनाए खास यह की योजना बनाने से पहले हम सब से राय हो जाये तो उधोग हीत में बेहतर होगा।सेमिनार को एकमा के मानद सचिव पीयूष बरनवाल ने भी संबोधित किया।मुख्य रुप से हाजी जलील, समीम अंसारी लल्लन, शिवसागर तिवारी, एसी बरनवाल, हाजी अब्दुल हादी, अशफाक अंसारी, जयप्रकाश गुप्ता, एचएन मौर्य, आदि उपस्थित रहे