खबर का असर – तीनों निलम्बित सिपाही बहाल
दो दिन पूर्व पुलिस अधिक्षक ने किया था निलम्बित
अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। आखिरकार खबर का असर हुआ और 29 जनवरी की रात की तथाकथित घटना के गंभीर आरोपो में निलम्बित किये गये तीनो सिपाहियों को पुलिस अधीक्षक ने बहाल कर दिया है। निलम्बन के महज चार दिन बाद ही सिपाहियों को बहाल कर दिये जाने से उन पर लगाये गये आरोपों को लेकर एक बार फिर से सवाल उठ खड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि एसपी साहब, दाल में काला या पूरी दाल काली शीर्षक से प्रकाशित समाचार के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गयी थी। इसी के बाद सिपाहियों के विरूद्ध कार्यवाही को लेकर पुनः मंथन शुरू हो गया। आखिरकार तीन फरवरी को तीनों सिपाहियों अजय कुमार, रणविजय सिंह व श्यामप्रकाश पांडेय को बहाल कर दिया गया। इन सिपाहियों पर 29 जनवरी की रात पुराने तहसील तिराहे पर गाड़ी में बैठकर शराब पीने तथा चेकिंग के दौरान कस्बा चैकी प्रभारी संतोष सिंह के साथ अभद्रता करने एवं गो-वंशो से लदे वाहन के चालक को मार पीट कर 45 हजार रूपया छीन लिये जाने जैसे गंभीर आरोप लगाये गये थे। निलम्बन आदेश व गो-वंश के मामले में दर्ज प्राथमिकी में बड़े पैमाने पर विरोधाभास सामने आने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गयी थी। सवाल यह है कि आखिर किसने इस प्रकार की मनगढंत व कूटरचित कहानी बनायी जिसके आधार पर तीनों को निलम्बित किया गया। प्रथम दृष्टया जिस प्रकार संदेह का लाभ देते हुए पुलिस अधीक्षक ने उन्हे बहाल किया है उससे इस पूरे घटनाक्रम के साजिशकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही न होना कम चैकाऊ नहीं है। देखना यह है कि उच्चाधिकारियों को गलत जानकारी देकर गुमराह करने वाले विभागीय कर्मी के विरूद्ध उच्चाधिकारी क्या कार्यवाही कर पाते हैं।