चुनावी जंग की बात जावेद अंसारी के कलम से
जावेद अंसारी
वाराणसी के शहर उत्तरी में कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल समद अंसारी एवं बसपा प्रत्याशी सुजीत मौर्या, दोनों प्रत्याशीयों के बीच आंधी आ गई है, जंग का ऐलान शुरू हो चुका है, बसपा प्रत्याशी सुजीत मौर्या को कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल समद अंसारी कोई मामूली चना न समझे, लोहे का चना है, चबाते रहे लेकिन पीसने वाला नही है, वही दूसरी ओर अब्दुल समद अंसारी आरपार के मुड में है, ये दो प्रत्याशीयों की गलियों बाजारों में अभी तक कोई गिरावट नही नजर में आ रही है, दोनों प्रत्याशी की जनता ऐसी चर्चा कर रही है, कि लोग अपने अपने वोट को लेकर कंफ्यूज हो चुके, वही दूसरी ओर बसपा प्रत्याशी सुजीत मौर्या ने किया दावा, कि जो भाई हमें पिछली बार वोट नही दिए थे, इस बार वो भी बसपा को वोट करेंगे, चर्चा का बाजार गर्म है, शहर उत्तरी के दोनों टाॅप प्रत्याशी चुनावी जंग का शिकार हो चुके हैं, अब देखना ये है कि जनता किस के उपर ताल ठोकती है,आपको बता दे जैसे ही सपा-कांग्रेस का गठबंधन हुआ, वैसे ही प्रदेश में आंधी आगई, हवा तेजी से चलने लगी, इससे पता चलता है कि यूपी में गठबंधन की आंधी चल रही है, जी हाँ, वाराणसी के शहर उत्तरी में भी कुछ ऐसी आंधी चली है, एक तरफ सुजीत मौर्या तो दूसरी तरफ अब्दुल समद अंसारी, दोनों प्रत्याशी के बीच एक दूसरे में काटें की टक्कर होने जा रही है, लेकिन इस चुनावी जंग में जनता किसे अपना नेता चुनती है, कुछ समय पहले अखिलेश और राहुल ने यूपी में एक गठबंधन खड़ा किया, जैसे ही राहुल हाथ मिलाया, एक सेकंड के बाद आंधी आ गई, ये आंधी पीएम मोदी को, बीजेपी को, मायावती को हराने का काम करेगी, चाय पान की दुकान पर चर्चा करते हुए कुछ लोगों ने कहा कि जिसको पीछे का मंत्र मालूम रहेगा वही सांप के मुह में हाथ डालेगा, मंत्र जिसका भी चले, लेकिन इस बार जनता अपना नेता खुद चुनेगी, हर बार की तरह जनता इस बार किसी के भाषणों में नही आने वाली है, तो भय्या अखाड़े का मैदान तैयार हो चुका है, इस दंगल के खिलाड़ी है सुजीत मौर्या, अब्दुल समद अंसारी, अब देखना ये है कि दोनों प्रत्याशी अपने आखाड़े में क्या रंग लाते है, ये तो 11 मार्च को पता चलेगा।