फर्जी आई०डी० एंव सिमो की काला बाजारी चरम पर, पुलिस विभाग मौन
इमरान सागर
शाहजहाँपुर:-इन्टरनेट की दुनिया से जुड़े रहने का लालच, फर्जी आई० डी० और मोबाईल के फर्जी सिमो की कालाबाजारी को जमकर बढ़ावा दे रहा है! बड़ी दुकानो से लेकर क्षेत्र की गली कूंचो तक में मात्र 20 रुपये अतिरिक्त देने पर मिलने वाली फर्जी आई०डी० के साथ समय समय पर ऑफर के साथ विभिन्न कम्पनियों के सिम उपलब्ध कराए जा रहे हैं! फर्जी आई०डी० और सिम के बढ़ते इस कारोबार से हालांकि कई वार बड़ी घटना होने का इन्कार नही किया जा सकती लेकिन इस फर्जी कारोबार को लेकर प्रशासन की ओर से आज तक कोई ठोस कार्यवाही होती नज़र नही आई! सूचना मिलने पर कभी कभी चला छापामारी अभियान धनउगाही मात्र के लिए ही नज़र आया!
क्षेत्र में फर्जी आई०डी० बना कर उसपर सिमो को लेकर हो रही रिकार्ड तोड़ बिक्री दुकानदार और कम्पनियों के डिस्ट्रीब्यूटरो को जहाँ मालामाल कर रही है तो वहीं अपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए पुलिस विभाग एंव प्रशासन के लिए सरदर्द भी पैदा होता नज़र आ रहा है! गौर करने का विषय है कि फर्जी आई० डी० पर सिम लेना ग्राहक के साथ साथ उस आई० डी० वाले के लिए भी है घातक हो सकता है जिसकी आई० डी० पर सिम चालू कर विभिन्न ग्राहको को दिएे जा रहे हैं! अपनी आई०डी० देकर भी जो सिम खरीद रहे हैं और दुकानदार आपको चालू हालत में सिम दे रहा है तो वो आपके साथ साथ उस व्यक्ति के साथ भी धोखा है जिससे उसने पहले आई०डी० ली होगी, यह गहन चिन्ता का विषय है!
हांलाकि फर्जी आई०डी० मात्र दस रुपये मे अपने लैपटॉप से दुकानदार ही बना कर ग्राहको को 20 रुपये का अतिरिक्त लाभ लेकर ग्राहकों को फर्जी आई०डी० की सिम दे देते हैं,चालू हालत में, और यदि ग्राहक अपनी आई० डी० देता है तो उसकी आई०डी० किसी और सिम में लगाकर वही लाभ अन्य ग्राहक से कमा लिया जाता है! सिमो के इस फर्जीबाडे से काफी संख्या में कई बारदातो को भी अंजाम दिया जाता रहा है।
सूत्रों की माने तो जनपद नगर सहित तिलहर, अल्लागंज, पुवाँया, निगोही,मीरानपुर कटरा, ददरौल और कांट आदि क्षेत्रो की विभिन्न दुकानो पर प्रतिमाह करीब 5000 से भी कहीं ज्यादा फर्जी आई०डी पर सिमो को एक्टिवेट किया जाता है और प्रत्येक सिम पर 10 या 20 रुपये का लाभ लेकर ग्राहकों को सिम दे दी जाती हैं! विभिन्न ग्राहकों को तो पता ही नही चलता कि वो सिम जो चला रहे हैं उनकी आई० डी० पर नही है बल्कि किसी और आई० डी० पर चल रही है।
अगर देखा जाए तो कई आपराधिक घटनाओं जैसे चोरी,लूट,डकैती,अपहरण या मर्डर भी ऐसी ही सिमो के प्रयोग से अंजाम तक पहुंचा दिए जाते हैं जिससे पुलिस या जांच अधिकारी को जांच के दौरान दिक्कत का सामना करना पड़ता रहा है! आईडी चेक करने पर पता और जानकारी कही और की मिलती है।