जाने हाल वाराणसी उत्तरी सीट का
जावेद अंसारी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी और कंग्रेस ने आपस में गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, इसका पूरी पुष्टि बीते दिनों लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने की, शहर उत्तरी से हाजी अब्दुल सदम अंसारी को टिकट मिलते कही खुशी तो कही गम का महौल जैसा हो गया, जैसा कि आपको बता दे कि कांग्रेस ने सपा कैंडिडेट अब्दुल समद अंसारी को टिकट दे दिया, टिकट की घोषणा होते ही लोग काजीपूरा कलाम फन्नी के यहाँ टिकट मिलने की खुशी में बधाई देने पहुँचे,
तो काफी मजमे के साथ एक तरफ नगाड़ा तो दूसरी ओर पटाखे छोड़े जा रहे थे, कलाम फन्नी के दुकान में लगी होड़ को देखते हुए अब्दुल समद अंसारी ने सिधा भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा मेहनत का फल मिला, अब भाजपा से होगी सीधी टक्कर, भाजपा सोच रही थी कोई तो टक्कर में है ही नही, लेकिन आप सब की दुआ से मैं आज एक फिर 2017 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करूंगा, हमें अपने मुस्लिम भाइयों पर गर्व है, अब देखना ये है कि अब्दुल समद भाजपा को पटखनी देने के लिए कौन सी फिल्म रिलीज करते है, आपको बता दे कि मुस्लिम समाज में अब्दुल समद अंसारी की अच्छी पकड़ है। मगर सूत्रों की माने तो विगत वर्षो एक मकान के विवाद को लेकर मुस्लिम का एक वर्ग समद से अलग होकर इनके विरोध में आ चूका है. उसी विवाद को लेकर कई महिलाये कई दिनों तक धरने पर बैठी थी. जिनमे एक लगभग एक सो दस वर्ष की भी महिला थी. उक्त प्रकरण अपने समय का बड़ा हाईलाइट प्रकरण था वही दूसरी तरफ गत विधानसभा चुनाव के रनर अप के रूप में रहे सुजीत मौर्या इस बार फिर मैदान में है. गतवर्ष बहुत कम अंतर से पराजित होने वाले सुजीत मौर्या ने हार के पहले भाजपा के प्रत्याशी को कांटे की टक्कर दिया था. अब देखना यह होगा कि चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है.
तो काफी मजमे के साथ एक तरफ नगाड़ा तो दूसरी ओर पटाखे छोड़े जा रहे थे, कलाम फन्नी के दुकान में लगी होड़ को देखते हुए अब्दुल समद अंसारी ने सिधा भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा मेहनत का फल मिला, अब भाजपा से होगी सीधी टक्कर, भाजपा सोच रही थी कोई तो टक्कर में है ही नही, लेकिन आप सब की दुआ से मैं आज एक फिर 2017 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करूंगा, हमें अपने मुस्लिम भाइयों पर गर्व है, अब देखना ये है कि अब्दुल समद भाजपा को पटखनी देने के लिए कौन सी फिल्म रिलीज करते है, आपको बता दे कि मुस्लिम समाज में अब्दुल समद अंसारी की अच्छी पकड़ है। मगर सूत्रों की माने तो विगत वर्षो एक मकान के विवाद को लेकर मुस्लिम का एक वर्ग समद से अलग होकर इनके विरोध में आ चूका है. उसी विवाद को लेकर कई महिलाये कई दिनों तक धरने पर बैठी थी. जिनमे एक लगभग एक सो दस वर्ष की भी महिला थी. उक्त प्रकरण अपने समय का बड़ा हाईलाइट प्रकरण था वही दूसरी तरफ गत विधानसभा चुनाव के रनर अप के रूप में रहे सुजीत मौर्या इस बार फिर मैदान में है. गतवर्ष बहुत कम अंतर से पराजित होने वाले सुजीत मौर्या ने हार के पहले भाजपा के प्रत्याशी को कांटे की टक्कर दिया था. अब देखना यह होगा कि चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है.