युपी विधानसभा – 403 विधायक में से 147 दागी है

लखनऊ। 
सभी दलों में दागी: कोई दल दागियों से अछूता नहीं है। भाजपा में 14, सपा में पांच, बसपा में एक, कांग्रेस में तीन और तीन निर्दलीय विधायकों पर मुकदमे दर्ज हैं। भाजपा के 11 विधायकों पर गंभीर मुकदमे हैं जबकि सपा के चार, बसपा के एक, कांग्रेस और निर्दलीय तीन-तीन विधायकों तथा निषाद दल के एक विधायक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है।

सूबे की 17वीं विधानसभा में एक तिहाई से ज्यादा दागी उम्मीदवार पहंचने में कामयाब हुए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉ‌र्म्स (एडीआर) ने विधायकों के हलफनामे को आधार बनाकर यह रिपोर्ट जारी की है। इस बार कुल 143 विधायकों ने खुद पर आपराधिक मुकदमों का ब्यौरा दिया है। यह करीब 36 प्रतिशत है। यह अलग बात है कि 2012 के मुकाबले दागियों की संख्या घटी है। तब 189 यानी 47 फीसद दागी चुने गये थे।
राजनीति को अपराधियों से मुक्त करने के लिए अभियान तो बहुत चले लेकिन किसी न किसी समीकरण के चलते दागी और बाहुबली जनता की पसंद बनते रहे और विधानसभा में पहुंचते रहे। इस बार के विधायकों में 107 ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2012 में 98 विधायकों पर गंभीर मुकदमे थे। आठ विधायकों पर हत्या, 34 पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। भाजपा के धामपुर विधायक अशोक कुमार राना पर महिला उत्पीड़न संबंधित मुकदमा दर्ज है।
आपराधिक मुकदमों वाले विधायकों में सबसे बड़ा नाम मुख्तार अंसारी का है। उन पर कुल 16 मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार के बाद दूसरा बड़ा आपराधिक नाम भदोही के ज्ञानपुर से जीते विजय कुमार मिश्रा का है। इन पर भी 16 मुकदमे दर्ज हैं। धौलाना के बसपा विधायक असलम अली पर 10 मामले दर्ज हैं।                        

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