दस लाख का सूट पहनते है और 80 साल की जईफ माँ को बैंक लाइन लगवाते है – डा.अब्दुल मन्नान खां
ओबैदुल्लाह अंसारी
कोई पार्टी छोटी बडी नही होती जनता की ताकत से पार्टिया बडी होती है।प्रदेश में सपा बसपा व भाजपा की सरकारे रही है।जिन्होंने प्रदेश को पीछे ढकेल दिया।जात विरादरी के नाम पर बटवारा कर राज किया।आज यूपी में हर तरह गड्ढा युक्त सडके है।हर तरफ अराजकता दंगा फसाद का माहोल पैदा किया गया।पीस पार्टी 2008 में बनी चार विधायक विधानसभा पहुंचे।चालिस सीटो पर मात्र दस हजार वोटो से पीछे रह गई।हम भागीदारी की बात करते है।आज पीस पार्टी निषाद पार्टी, अपना दल कृष्णा पटेल महानदल का गठबंधन है।उन्होंने अन्य पार्टियो पर कटाक्ष करते कहा की मान्यवर काशी राम ने 1978 में पार्टी बनाई।11साल लगे विधानसभा पहुंचने में।लेकिन मायावती जी जब सत्ता में आई तो भाजपा से मिल गई।मुलायम सिंह यादव जब सत्ता की शिखर पर पहुंचे तो आगरा में कल्याण सिंह से गले मिले।इस पर गौर करने की जरुरत है।कहा गंदी राजनीति सत्ता हासिल करने के लिए ठीक नही होता।लेकिन जब चुनाव आया तो लोग ओझी हरकतो पर उतर आये।पीस पार्टी के मुखिया डा.अय्यूब पर बलात्कार का झूटा आरोप लगा कर छवि खराब करने की कोशीस हो रही है।उन्होंने सपा बसपा व भाजपा को एक ही थाली का चट्टे बट्टा बताया कहा लोगसभा चुनाव नजीर के तौर पर देखा जा सकता है।कहा वास्तव में भाजपा को हराने का मंशा रखते हो तो पीस पार्टी से गठबंधन करो। लेकिन ऐसा ये लोग नही करेंगे।प्रदेश अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा की अपने तो दस लाख का सूट पहनते है और अपनी 80 साल की माँ को नोटबंदी के बाद बैंक पर लाइन लगवा दिया।इसके अलावा कहा भाजपा तलाक की बात करते है।नारी सम्मान की बात करती है।लेकिन जो अपनी बीबी के साथ इंशाफ नही कर सका वह क्या बात करेगा।कहा मोदी जी हिदुस्तान के मुस्लिम की दी हुई टोपी नही पहनते सऊदी में जाकर सुल्तान का पाव छूते हो।कहा जो कौमे हवा पता लगाने में रहते है वह सत्ता के गलियारे में नही पहुंच सकता।अल्लाह पर भरोसा रखो कल जब कोई जियाउलहक के कत्ल होगा तो आजम व नसीमुद्जादीन हिसाब नही लेगे।लेकिन जो आप की वोट से जीतेगा वह हिसाब लेगा। हमारी 40 सीटे पर हम महज 10 हजार वोटो से हारे तब अकेले थे आज तो पीस पार्टी से निषाद पार्टी, महानदल, अपना दल कृष्णा पटेल, साथ है।सभा को प्रत्यासी डा.आरके पटेल ने संबोधित किया।सभा का संचालन राशीद एहशान ने किया।हजारी लाल केवट, जमाल अंसारी,खुर्शीद अहमद, गिरजा शंकर, अवधेश कुमार, डा.तेज बहादुर यादव,आनंद यादव, राजकुमार सेठ, चंदन यादव, पारस नाथ यादव आदि रहे।