8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: अधिकार और समानता के लिये उठी आवाज
इस दौरान महिला संगठनों ने इलाइट पर रैली निकालकर महिला अधिकार, आरक्षण, शिक्षा, समानता, महिला हिंसा, दुष्कर्म, कन्या भ्रूण हत्या आदि के लिए संदेश देते हुये महिलाओं की जागरुकता के बारे में कहा कि वे अब जागरूक हो रही है। वह अपने अधिकारों के प्रति सजग है। इस दौरान महिलाओं ने कहा कि अब दुनिया बदल रही है। अब वह महिलाएं नहीं रही जो अत्याचार, शोषण, उत्पीडन, प्रताडना और सभी प्रकार के जुलम को सहती जाती थी। पहले के मुकाबले हालात काफी बदल गये हैं। पूरी दुनिया में महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता की नयी कहानी लिख रही है। आज भारतीय महिलायें सेना से लेकर अंतरिक्ष तक की उड़ान में शामिल हैं। वह अब मात्र घर के चूल्हे तक ही सीमित नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अभी भी समाज में बड़ी संख्या में महिलाएं उपेक्षा की शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इन विसंगतियों को दूर करने के लिए अपने अधिकार को पाने के लिए महिलाओं को काफी जागरुक होना पड़ेगा। क्योंकि अभी समाज से महिलाओं को वह दर्जा नहीं मिल पाया है जिसकी वह हकदार, हैं। समाज की कितनी विसंगति है कि एक तरफ नारी की प्रतिमूर्ति दुर्गा, काली, पार्वती, राधा, सीता को इंसान पूजता है और दूसरी और अपने घर की देवी पर जुल्म सितम करता है। यहां पर महिलाओं ने समानता और भयमुक्त समाज के लिए महिलाओं को आगे आने का आह्वान किया। तभी समाज विकास के पथ पर अग्रसर हो सकेगा। अगर हम रुढ़ीवादिता की जंजीरों में जकड़े पुराने ख्यालातों की लकीर के फकीर बने रहेंगे तो हालातों में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता है। सभी ने महिला सशक्तिकरण और समान अधिकार, भयमुक्त समाज की परिकल्पना के साथ विश्व महिला दिवस धूमधाम से मनाया।