⁠⁠⁠बालीवुड अभिनेता देवानंद के चचेरे भाई की सड़क हादसे मौत

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के लोकसेवा आयोग चौराहे के समीप बीती रात ट्रक से हुए थे घायल, एसआरएन में मौत

आफताब फारुकी 

इलाहाबाद। कर्नलगंज थाना क्षेत्र के लोकसेवा आयोग चौराहे के समीप बीती रात ट्रक से धक्का लगने पर घायल हुए वृद्ध ज्योतिषी की इलाज के दौरान बुधवार की शाम मौत हो गयी। उन्हें पुलिस ने एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया था। उनके घर परिवार का कोई सामने नहीं आया है। उनकी जानने वाली महिला कांस्टेबिल कलावती पांडेय ने उनका अस्पताल में इलाज कराया और मौत के बाद उनके पंजाब में रहने वाली भाभी एवं यूके में रहने वाले भतीजे और भतीजी को फोन पर सूचना दी लेकिन कोई आने को तैयार नहीं हुआ। हैरत की बात यह है कि ये वयोवृद्ध ज्योतिषी खुद को बालीवुड एक्टर देवानंद का चचेरे भाई बताते थे। वह पिछले कई वर्षों से गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे।

मंगलवार की रात करीब ११ बजे लोकसेवा आयोग चौराहे पर ट्रक की चपेट में आने से एक साइकिल सवार वृद्ध घायल हो गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस रात में ११.४५ बजे उसे एसआरएन अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। जहां उस बुजुर्ग ने अपना नाम डा. सुरेन्द्र आनंद (७८) पुत्र दीवानचन्द्र आनंद निवासी २३/१३ कटघर, मुट्ठीगंज लिखाया। उन्होंने एक मोबाइल न बर दिया जो कि महिला कांस्टेबिल कलावती पांडेय का था। महिला कांस्टेबिल कलावती पांडेय इन दिनों नौबस्ता, कानपुर थाने में पोस्टेड हैं। उनका परिवार यहां कोतवाली में रहता है। मंगलवार को वह भी घर आयीं थीं। वह अपने बेटे सुनील कुमार पांडेय को अस्पताल भेजा, फिर वह भी गयी। कलावती पांडेय ने बताया कि वर्ष २००७ में वह कोतवाली में पोस्टेड थीं तभी उनकी मुलाकात सुरेन्द्र आनंद से हुई थी। सुरेन्द्र आनंद ने उनके सभी बच्चों की कुंडली बनायी थी। वह अच्छे ज्योतिषी थे। पहले वह अपने भाई के साथ बम्हरौली एयरफोर्स कालोनी में रहते थे। कलावती पांडेय के मुताबिक वह खुद को बालीवुड एक्टर देवानंद का चचेरा भाई बताते थे लेकिन बाकी परिवार के बारे में कुछ नहीं बताया। उनके झोले में एक डायरी मिली थी, जिसमें कुछ कांटेक्ट न बर थे लेकिन वह बंद थे। पेâसबुक के जरिए उनके भतीजे गौतम आनंद को जो कि यूके में रहते हैं, मैसेज दिया गया था। बुधवार शाम को गौतम आंनद की मां जो कि पंजाब में रहती है, उनका फोन कलावती पांडेय के पास आया। उन्होंने कहा कि वह बेड पर हैं। उनके बच्चे यूके में है। वह आ नहीं सकतीं। सुरेन्द्र आंनद के लाश का जो करना हो वह कलावती पांडेय करें। उनसे कोई मतलब नहीं है। यहां तक कि उन्होंने अपना नाम व पता तक बताने से मना कर दिया। कलावती पांडेय ने बताया कि १८ से २० हजार रुपये लगाकर उन्होंने इलाज कराया लेकिन जान नहीं बच पायी। कलावती पांडेय ने बताया कि वह सुरेन्द्र आनंद को अपने पिता की तरह मानती थीं, इसलिए उनका इलाज कराया। घरवालों को खबर दी। आगे भी जो बन सकेगा करेंगी। उन्होंने बताया कि उनका एक निजी मकान लीडर रोड पर था जिसमें किरायेदार रहते थे जिसे हाल ही में उन्होंने खाली करा लिया था। मंगलवार को वह साइकिल से अपने किसी परिचित से मिलने कटरा गये थे। वहां से रात में लौट रहे थे। तभी हादसे का शिकार हो गये। संभवत: वह अविवाहित थे।

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