काशी की सड़कों पर पहले राहुल-अखिलेश, फिर जलवा दिखाएगें प्रधानमंत्री

“अगले तीन दिन नरेंद्र मोदी वह सब करने वाले हैं जिसकी शायद उन्हें अब तक जरूरत नहीं पड़ी थी। वाराणसी की सभी सीटें जीतने के लिए नरेंद्र मोदी यहां हर उस फॉर्मूले को अपनाने जा रहे हैं जिससे चुनाव जीतने में जरा भी मदद मिल सकती है”

शबाब ख़ान

प्रशासन दिन रात कर रहा है तैयारी
हटाए जा रहें हैं सड़कों के ऊपर से बिजली के नंगे तार
काशी विश्वनाथ में भी मत्था टेकेगें मोदी; राहुल-अखिलेश का पता नही
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के रोड शो के रूट हुए निर्धारित 
अधिकारियों की उड़ी नींद

वाराणसी: चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री मोदी हर दांव आजमाने वाले हैं। पहले सिर्फ रैली और रोड शो का प्लान बना था। लेकिन अब मंदिर में दर्शन, मूर्तियों के माल्यार्पण और आश्रमों में जाकर आशीर्वाद लेने की भी तैयारी है। भाजपा से जुड़े एक सूत्र बताते हैं कि वाराणसी का दौरा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मिलकर बनाया है।

नरेंद्र मोदी की वाराणसी यात्रा की योजना बनाते वक्त वाराणसी की पांचों सीटों के मतदाताओं के धर्म और जाति का बारीकी से ध्यान रखा गया है। यहां की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए प्रधानमंत्री हर वह फॉर्मूला अपनाना चाहते हैं जिसके बूते चुनाव जीतने में मदद मिल सकती है।

चार से छह मार्च तक नरेंद्र मोदी अपना पूरा वक्त वाराणसी में देंगे, यह बात तो सबको पता है। लेकिन इन तीन दिनों का एक विस्तृत कार्यक्रम भी तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम हर सीट के हिसाब से बनाया गया है। वाराणसी दक्षिण सीट में काशी विद्यापीठ और काशी विश्वनाथ मंदिर दोनों है। प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे में काशी विश्वनाथ के दर्शन शामिल हैं। बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर की कितनी मान्यता है, बताने की जरूरत नहीं। भगवान शंकर के मंदिर में दर्शन कर मोदी वाराणसी के हिदू वोटों को पूरी तरह अपने पक्ष में समेटने की कोशिश करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी दिन काशी विश्वनाथ के दर्शन करने सड़क मार्ग से निकलेंगे जिस दिन वाराणसी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का रोड शो है। वाराणसी दक्षिण सीट में काशी विद्यापीठ भी आता है। वाराणसी में कैंप कर रहे भाजपा के एक महासचिव बताते हैं कि दिन में प्रधानमंत्री काशी विद्यापीठ में छात्रों और शहर की युवा आबादी को संबोधित करेंगे इसके बाद शाम सात बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। काशी विद्यापीठ से काशी विश्वनाथ मंदिर तक की यात्रा एक रोड शो की शक्ल में निकाली जाएगी। भाजपा नेताओं का मानना है कि इसका असर वाराणसी दक्षिण की सीट पर पड़ना तय है।
वाराणसी प्रशासन से जुड़े एक वरिष्ठ अफसर बताते हैं कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय होने की वजह से अखिलेश यादव और राहुल गांधी के कार्यक्रम को थोड़ा बदलना पड़ा है। अब राहुल गांधी और अखिलेश यादव को अपना रोड शो हर हाल में शाम छह बजे से पहले खत्म करना होगा। जिला प्रशासन ने इस बाबत कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं से आधिकारिक तौर पर आश्वासन भी लिया है। इस आश्वासन का उल्लंघन चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। यानी कि शाम छह बजे से पहले काशी की सड़कों पर राहुल और अखिलेश मिलकर अपनी ताकत दिखाएंगे और उसके बाद उन्हीं सड़कों पर प्रधानमंत्री मोदी का काफिला निकलेगा और प्रधानमंत्री अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश करेंगे।
मोदी के काशी प्रवास की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के अगले दिन प्रधानमंत्री वाराणसी के गढ़वा घाट आश्रम जाएंगे। काशी में स्थिति गढ़वा घाट आश्रम यादवों का स्थापित पीठ माना जाता है। इस पीठ में प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत होगा और इस यात्रा से मोदी यादव वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे।
प्रधानमंत्री एक बड़ी जनसभा वाराणसी के रामनगर में भी करने वाले हैं। रामनगर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का क्षेत्र माना जाता है। वाराणसी कैंट विधानसभा इसी के दायरे में आती है। यहां पर भाजपा के उम्मीदवार सौरभ श्रीवास्तव की टक्कर कांग्रेस के अनिल श्रीवास्तव से है। बनारस कैंट में खबर फैली है कि इस वक्त भाजपा उम्मीदवार की तुलना में कांग्रेस उम्मीदवार की हालत बेहतर है। मोदी इसी बाज़ी को पलटना चाहते हैं।
वाराणसी कैंट की सीट पर कायस्थ वोटर्स काफी संख्या में हैं। कहा जाता है कि कायस्थ ही इस सीट पर होने वाले चुनाव का फैसला करते हैं। भाजपा के नेता बताते हैं कि कायस्थ मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी का दौरा लाल बहादुर शास्त्री के घर तक रखा गया है। यहां प्रधानमंत्री शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और कांग्रेस पर शास्त्री जी को धोखा देने का आरोप भी लगा सकते हैं।
वाराणसी के ग्रामीण इलाके रोहणिया में भी भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं बताई जा रही है। इसलिए प्रधानमंत्री की एक रैली रोहणिया में भी रखी गई है। वाराणसी की सियासत पर सालों से नज़र रखनेवाले कहते हैं कि प्रधानमंत्री और उनके सिपहसालार काशी की पांचों सीटों को जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। वे ऐसा करने के लिए जितने रास्ते हो सकते हैं उन सब परचलने के लिए तैयार हैं। ऐसे में वाराणसी के एक मतदाता गुंजन पांडे की बात गौर करनेवाली है–‘जो काम मोदीजी चुनाव से ठीक पहले तीन दिन कर रहे हैं अगर पिछले तीन साल करते तो इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती। 2014 में तो वे सिर्फ एक ही यहां दिन आए थे और तीन लाख से ज्यादा मतों से काशी नगरी ने उन्हें जिता दिया था।’

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *