सुल्तानपुर के समाचार हरिशंकर सोनी के साथ, जाने क्या हुआ अदालत में गैर हाज़िर चल रहे थानेदार के साथ
सुल्तानपुर:-हत्या के मामले में गैरहाजिर चल रहे थानाध्यक्ष के खिलाफ एफटीसी/एडीजे कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।सत्र न्यायाधीश अभय कृष्ण तिवारी ने साक्षी थानाध्यक्ष का वेतन रोकने के साथ- साथ गैरजमानतीय वारंट व कारण बताओ नोटिस जारी एसएसपी हरदोई को उन्हें तलब कराने का आदेश दिया है।
मामला लंभुआ थाना क्षेत्र के खसडे गाँव से जुड़ा है।जहाँ के रहने वाले अभियोगी जगजीवन सिंह ने अपने भाई धर्मेन्द्र सिंह की 9 जून 2012 को गोली मारकर हत्या किये जाने के बावत आरोपियो पर मुकदमा दर्ज कराया।जिसमे आरोपी सगे भाई पंकज सिंह,बृजेश सिंह,सतीश सिंह निवासीगण खसड़े व सहयोगी रीतेश सिंह निवासी मानापुर-आसपुर देवसरा प्रतापगढ़ नामजद हुए।मामले में आरोपियो के खिलाफ एडीजे/एफटीसी कोर्ट में विचारण चल रहा है।जिसमे तात्कालीन थानाध्यक्ष लंभुआ दीनानाथ मिश्रा को छोड़कर अन्य गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है।लेकिन थानाध्यक्ष दीनानाथ मिश्रा अदालत के आदेश के बावजूद कई पेशियों से गैरहाजिर चल रहे है,नतीजतन हत्या जैसे गम्भीर प्रकरण का विचारण अधर में लटका हुआ है।जबकि हाईकोर्ट से मामले को तीन माह के भीतर निस्तारित करने का आदेश भी हुआ है और दीनानाथ मिश्र की लापरवाही से तीन माह का समय भी लगभग बीत चुका है।मामले में शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार दूबे ने साक्षी थानाध्यक्ष की लापरवाही पर कार्यवाही की मांग की।जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है।अदालत ने मौजूदा एसओ हरियांवा(हरदोई)दीनानाथ मिश्र का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का आदेश दिया है एवं उनके खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट व कारण बताओ नोटिस जारी कर एसएसपी हरदोई को उन्हें अदालत में हाजिर कराने का आदेश दिया है।
सुल्तानपुर:-प्राणघातक हमले के मामले में सगे भाइयों समेत तीन आरोपियो की तरफ से जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी पेश की गई।जिस पर सुनवाई के पश्चात जिला जज प्रमोद कुमार ने आरोपियो की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
मामला चांदा थाना क्षेत्र का है।जहाँ के रहने वाले वादी मुकदमा नफीस ने आरोपी सगे भाई कलीम खान,रहीम खान व रहीम के पुत्र जावेद उर्फ़ बब्लू निवासीगण हड़िया-सरपतहा के खिलाफ 3 जून 2012 की घटना बताते हुए प्राणघातक हमले समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हुआ।आरोपियो ने पुलिस की विवेचना पर सवाल खड़ा करते हुए हाईकोर्ट की शरण ली।फ़िलहाल उन्हें राहत नही मिली।जिसके उपरांत हाईकोर्ट के निर्देशन में सभी आरोपियों ने बुधवार को अदालत में आत्मसमर्पण किया।जिनकी तरफ से प्रस्तुत अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता शुकदेव यादव ने विरोध जताया।तत्पश्चात जिला एवं सत्र न्यायालय ने आरोपियो की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।आरोपियो की मूल जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए आगामी 3 अप्रैल की तिथि नियत की गई है।