जिस सिस्टम में इंसानों को जीने का हक़ न हो अगर वहाँ जानवर मर रहे हे तो कौन सी बड़ी बात है – आज़म खान

हर्मेश भाटिया / रविशंकर दुबे 

पूर्व वक़्फ़ मंत्री मोहम्मद आज़म खान पर शिआ धर्मगुरु कल्बे जव्वाद नक़वी के भ्रष्टाचार और वक़्फ़ जायदादों पर अवैध कब्जों का आरोप लगाने पर आज़म खान ने पलटवार किया है । उन्होने रामपुर में एक पत्रकार वार्ता कर अपने पर लगे आरोपों पर सफाई दी।
अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए आज़म खान ने कहा कि वक़्फ़ की किसी जायदाद पर उनका निजी कोई कब्ज़ा नहीं है, वहां पर हमने गरीब मुस्लिम बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल बनाये है । आज़म खान का शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद नक़वी पर आरोप लगाया की  जब हम वक़्फ़ मंत्री थे तब वह अपने दामाद  को शिया वक़्फ़ बोर्ड का चेयरमैन बनवाने के लिए हमारे पास आए थे । उनके दामाद शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन नहीं बन सके इस बात से ही वह हमसे नाराज़ हैं और हमारे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं । आज़म खान इतने पर ही नहीं रुके बल्कि उनपर आरोप लगाने वाले  शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद नक़वी साहब , उत्तर प्रदेश सरकार में मुस्लिम वक़्फ़ मंत्री मोहसिन रज़ा नक़वी और शिया सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य एजाज़ अब्बास नक़वी पर अपने ही अंदाज़ में कटाक्ष किया। गोश्त बन्दी से मास खाने वाले जनवरो के मरने के सवाल पर आज़म खाँ ने कहा अगर मुसलमान सब्ज़ी खा रहा है तो इसमें उनका मज़हब नहीं जा रहा हे आज़म खाँ ने कहा के शेर घास भी खायेगा अगर शेर को जीना होगा तो और गोश्त छोड़ेगा और गोश्त न मिलने से उनकी मौते हो रही है इस का जिम्मेदार उनका मुक़द्दर है क्योकि जिस सिस्टम में इंसानों को जीने का हक़ न हो अगर वहाँ जानवर मर रहे हे तो कौन सी बड़ी बात है.

योगी के सूर्य नमस्कार ऐसा है जैसे नमाज़ पढना के बयान पर कटाक्ष करते हुवे कहा कि इस में मैं क्या कह सकता हूँ ये उन्होंने  कहा है और अगर ऐसी बात हमने कह दी होती तो अब तक हमारे हथकड़ी भी पड गयी होती अब योगी जी कह रहे हे तो वह जो कहते है ठीक ही कहते है जो करते है वे भी ठीक करते है और जो हो रहा है वे भी ठीक ही हो रहा होगा. और आगे जो होगा वह भी ठीक होगा

सुप्रीम कोर्ट के वन्देमातरम के प्रश्न पर आजम खां ने कहा कि क्या कह सकते है सुप्रीम कोर्ट ने तो कहा था चुनाव में धर्म और मज़हब के नाम पर वोट न माँगा जायें लेकिन वो सब कुछ हुआ सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की ईवीएम मशीन से जिससे रसीद निकलती हो वो ही इस्तेमाल की जाये ऐसा नहीं हुआ अब ये तो सुप्रीम कोर्ट को सोचना है कि अपना मान सम्मान कैसे रखना है, उन्होंने कहाकि मीडिया में जो खबर आ रही हे वे मेरठ के ताल्लुक़ से आ रही है लेकिन वे मेरठ से नहीं वे बुलंदशहर का है बयान हमारा जिस को मिस अंडरस्टैंड किया गया उस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है के अभिव्यक्ति की आज़ादी है 

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