क्या हादसे के बाद जागेंगे कानपुर के सरकारी अफसरान

(मो0 नदीम) एवं मोहसिन सिद्दीकी की रिपोर्ट
कानपुर 23 मार्च 2017
सरकारी विभागो की लापरवाही की वजह से शहर में कई बड़े जानलेवा हादसे हो चुके है इसके बावजूद सरकारी अफसरान अभी भी सोये हुए है।इसके अलावा अगर कोई सम्मानित नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए क्षेत्र में होने वाले हादसे की सुचना सरकारी विभाग को देता है उसके बाद भी अगर विभागीय अधिकारी बेशर्मी की चादर ओढ़े हादसे का इंतज़ार करे तो इसे नज़र अंदाज़ी व् लापरवाही नही तो और क्या कहेंगे

छाँव देने वाला पेड़ कही मौत की दावत ना दे दे
बताना चाहेंगे कुली बाजार फायर स्टेशन के पीछे बीसियो साल  पुराना गूलर का पेड़ जिसकी जड़े जमीन का साथ छोड़ चुकी है जो कभी भी धराशाही हो सकता है क्षेत्रवासियो के लिए मुसीबत बना व रातो की नींद उड़ा चुका पेड़ कभी भी  किसी बड़े हादसे का रूप ले  सकता है आने जाने के रास्ते के बीच में लगे पेड़ के गिरने के डर से क्षेत्रीय लोगो में भय व्याप्त है जड़े छोड़ चुकी पेड़ की शाखाये अगल बगल रहने वाले लोगो के घरो की दीवारो पर अटकी हुई है जिसकी वजह से अभी तक पेड़ गिरा नही है कमजोर पड़ गई पेड़ की शाखाये आये रोज़ टूटकर घरो में गिरा करती है जिससे कई लोग चुटहिल हो चुके है इसी डर की वजह से लोगो ने अपने बच्चों को आँगन में खेलना भी बन्द करा दिया है लोगो को डर है कि अगर आंधी या कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो पेड़ के गिरने से दर्जनों घरो को जान और माल दोनों का नुकसांन होगा
हादसे की सूचना पर भी नहीं जाग रहा नगर निगम एवं वन विभाग
हादसे को अंजाम देंने के लिए पैर पसारे गूलर के पेड़ की वजह से दहशत की ज़िन्दगी व्याप्त कर रहे कुली बाजार निवासी मो0 मतीन,गुलज़ार लियाकत,मुमताज़,फरदीन एव सैकड़ो लोगो का कहना कि अगर पेड़ के गिरने से जान और माल का नुक्सान होता है तो इसकी सारी ज़िम्मेदारी नगर निगम एवं वन विभाग की होगी क्योकि जान लेवा गिरते पेड़ की जानकारी कई बार इन विभागों दी गई लेकिन आलस्ता में डूबे दोनों विभाग लापरवाही का परिचय देते हुए किसी बड़े हादसे का इंतज़ार करने में लगे हुए है- क्षेत्रीय लोगो का आरोप है कि पेड़ से होने वाले हादसे की सुचना कई बार नगर निगमको दी गई हर बार जाँच करने का आश्वासन देकर लोगो को टरका दिया गया लोग इन्तज़ार ही करते रहे लेकिन कोई भी जाच करने नही आया थक हारकर लोगो ने गिरते पेड़ की जानकारी लिखित में वन विभाग को दी वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुचकर जाच पड़ताल की और लोगो को आश्वासन दिया जान लेवा बने पेड़ को जल्द से जल्द हटवाया जायेगा लोगो को लगने लगा था उन्हें इस भयंकर समस्या से निजात मिल जायेगी लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद भी वन विभाग से कोई झांकी मारने तक नहीं आया अब तो लोगो की हिम्मत भी जवाब दे गई वन विभाग एव नगर निगम की नज़र  अंदाज़ी से साफ झलकता है शहर में होने वाले ज्यादातर हादसों में विभागीय अधिकारी ही जिम्मेदार होते है जो बिना मोटी रकम लिए जनता जनार्दन का कोई भी काम नहीं करना चाहते है अगर यही हाल रहा सरकारी विभागों का तो फिर से जाजमऊ एव शिव राजपुर कोल्ड स्टोरेज हादसे दोहराये जा सकते है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा ये तो भगवान ही जाने

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