प्रदेश सरकार के लिए अग्नि परीक्षा साबित होगी भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्यवाही

रामअचल समेत अन्य बसपा नेता पाये गये हैं आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में दोेषी
मनीष मिश्र
अम्बेडकरनगर। आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में लोकायुक्त व भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच में दोषी पाये गये बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर के विरूद्ध कार्यवाही करना भाजपा की नई सरकार की अग्नि परीक्षा साबित होगी। बसपा सरकार के दौरान ही अधिवक्ता आनंद द्विवेदी द्वारा लोकायुक्त से की गयी शिकायत के पश्चात हुई जांच में तत्कालीन लोकायुक्त एन के मेहरोत्रा ने रामअचल राजभर को 10 अरब रूपये से अधिक सम्पत्ति के मामले में दोषी करार दिया था। इसके उपरांत भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने अकबरपुर थाने में आकर रामअचल राजभर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जब इसकी जांच शुरू की तब से आज तक इस मामलें में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। सपा सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले इस मामले को ठंडे बस्ते से बाहर ही आने दिया था जिसके परिणाम स्वरूप बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर सपा सरकार में चैन की नींद सोते रहे। चुनाव का ऐलान होते ही भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में रामअचल राजभर समेत कुछ अन्य बसपा नेताओं के विरूद्ध कार्यवाही के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी लेकिन समाजवादी पार्टी की सरकार ने अनुमति नहीं प्रदान की। भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान छेड़ने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के प्रदेश में पदारूढ़ हो जाने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी पाये गये इन नेताओं के विरूद्ध कार्यवाही की आस जग उठी है। अब देखना यह है कि 10 अरब से अधिक की आय की सम्पत्ति के मामले में दोषी पाये गये बसपा प्रदेश अध्यक्ष के विरूद्ध प्रदेश सरकार कार्यवाही के लिए क्या कदम उठाती है।

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