मेरठ में सपा के बडे नेताओं की सिक्योरिटी छिनी, अब मुजफ्फरनगर वालों की बारी!
समर रुदौलवी
मेरठ/मुजफ्फरनगर। यूपी में सत्ता बदलते ही सपा नेताओं का रसूख भी आसमान से जमीन पर आने लगा है। मेरठ में सपा सरकार में मंत्री रहे शाहिद मंजूद सहित 12 सपा नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई है। आने वाले दिनों में मुजफ्फरनगर तथा आसपास के अन्य जनपदों में भी यह सिलसिला शुरु हो चुका है।
यूपी विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के सत्ता से बाहर होने तथा भाजपा के प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आने के साथ ही अधिकारियों की नजर में सपा नेताओं के कद भी घटने शुरु हो गए हैं। विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की करारी शिकस्त के बाद अब सपा नेताओं के रुतबे के साथ सुरक्षा छिनने का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर की सुरक्षा में लगी एस्कार्ट जहां हटा ली गई है। वहीं, सभी दर्जा प्राप्त मंत्रियों के गनर भी वापस ले लिए गए। पहले झटके में रविवार को दस गनर वापस लिए गए थे। मंगलवार को 12 सपा नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई। पुलिस अफसरों ने सपा नेताओं की सुरक्षा में लगे सिपाहियों को 24 घंटे में पुलिस लाइन में आमद दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
सपा नेता शांहिद मंजूर की सुरक्षा में जहां एस्कार्ट के साथ ही उनके आवास पर भी पिकेट लगी थी। किठौर से चुनाव हारने के बाद मंगलवार को पुलिस अफसरों ने उनकी एस्कार्ट और घर पर लगी सुरक्षा भी हटा ली। सपा नेता अतुल प्रधान और पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद को शासन से वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है। इन दोनों ही नेताओं की सुरक्षा शासन के आदेश पर हटेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि जैसे ही प्रदेश में नई सरकार का गठन होगा, तो उसके बाद इन दोनों नेताओं से सुरक्षा वापस ले ली जाएगी। वहीं, शहर सीट से जीत दर्ज करने वाले सपा विधायक रफीक अंसारी के पास अभी तक दो गनर थे। मंगलवार को उनका एक गनर हटा लिया गया। पुलिस के मुताबिक दर्जा प्राप्त मंत्रियों में मुकेश सिद्धार्थ, अयूब अंसारी, आकिल मुर्तजा, इसरार सैफी, फारूख हसन, यासीन पहलवान और शकील सैफी समेत कई अन्य नेताओं से गनर वापस ले लिए गए। मंगलवार को एक पुलिस अफसर ने सपा नेताओं की सुरक्षा में लगे सिपाहियों को फोन कर निर्देश दिए कि यदि 24 घंटे में अपनी आमद पुलिस लाइन में दर्ज नहीं कराई तो सीधे निलंबन की कार्रवाई होगी। जिसके बाद रात में ही कई सिपाहियों ने लाइन में पहुंचकर अपनी वापसी करा ली। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में भी यह सिलसिला शुरु हो सकता है।