धड़ल्ले से हो रही नेपाली शराब व सुपारी की तस्करी
पंडित आजाद कुमार सच्चिदानन्द मिश्रा
जनपद महराजगंज के इण्डो नेपाल बार्डर ठुठीबारी कोतवाली क्षेत्र से होते हुए थाना निचलौल तक समुचा क्षेत्र मयखानो में तब्दील हो गया है हर गांव में एक या दो नेपाली शराब की दुकाने जरूर है अब इसे शासन प्रशासन कि कमिया कहे या खुली छुट देने की आजादी कि दिनदहाडे नेपाल राष्ट्र से नेपाली शराब भारत में लाइ जा रही हैं
यु तो तस्करी के लिए अलग अलग वस्तुओं की मन्जिले अलग अलग होती हैं किन्तु बात जहाँ तक नेपाली सस्ती शराब कि है तो वह अधिकृत खुली सीमा ठुठीबारी से लेकर थाना निचलौल मे कुकुरमुत्तो कि तरह फैला हुआ है। यहा पर तस्करी माफियाओं का राज ही राज है जो नेपाली शराब से लेकर खाद्यान मसाले इलाइची तथा सुपारी तक की तस्करी करवा करोड़ों रुपये अवैध तरिके से कमा रहे हैं। बात अगर सुरक्षा प्रणाली की करें तो सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के साथ सीमा शुल्क (कस्टम इस्पेक्टर) के साथ ही साथ निचलौल तक दो थानों की पुलिस इस तस्करी को रोकने मे बिफल है ।
क्षेत्र में नेपाली शराब से परेशान औरतें कहती हैं कि अगर पुलिस चाह ले तो यह धन्धा बन्द हो जायेगा किन्तु पुलिस ही वशुली करने आती हैं गावो की दुकानों में। नेपाली शराब से पटे हुए समुचे क्षेत्र को देखने से यह प्रतीत होता है कि पुलिसियातंत्र द्वारा आजतक इस पर लगाम कसने के बजाय नजरअंदाज करती रही है। नेपाली शराब माफियाओ का ख़ुफ़िया तंत्र इण्डो नेपाल के हर ग्रामीण क्षेत्रो में फैला नजर आ रहा है जिसकदर बार्डर इलाक़े के ग्रामीण क्षेत्रो में गाँजा व नेपाली शराबो की दुकाने कई वर्षो से चली आरही है। जिससे देश के भविष्य कहलाने वाला युवा समाज तेजी से नेपाली शराबो के चपेट में आ रहा है नेपाली शराब सस्ती होने के कारण पीने वाले सँख्या भी तेजी से बढ़ती ही चली जा रही है ।
ऐसे में एक तरफ जहां जिला प्रशासन तस्करी रोकने के हजार दिखावटी वायदे करता वही दुसरी तरफ उसकी विफलता का कारण भी खुद उसी के विभागीय घुसखोर अधिकारी होते हैं । तस्करो की मानें तो सीमा शुल्क इन्स्पेक्टर से लेकर सशस्त्र सीमा बल थाना कोतवाली ठुठीबारी थाना निचलौल के साथ ही साथ बिच मे पडनेवाली सभी पुलिस चौकियों का सुविधा शुल्क बधा हुआ है । हालाँकि पुलिस विभाग के आलाधिकारियो ने इस बात से इन्कार किया है ।