कहां गई सागौन की एक ट्राली लकड़ी ?
फारुख हुसैन
देखा जाये तो अधिकारियों के अलग-अलग बयान भी कही न कही उनकी संलिप्तता को दर्शा रहे है। अगर लकड़ी बरामदगी की कार्यवाई या जांच नही की जाती है तो अधिकारियों की मिलीभगत जगजाहिर हो जायेगी। बताते चलें कि लगभग 15 दिन पूर्व एसडीएम आवास पर एक ट्राली में सागौन की लकड़ी खड़ी देखी गई थी। जो कि लगभग 2 दिन तक एसडीएम आवास पर मौजूद रही। मामला मीडियाकर्मियों तक पहुंच गया तो मीडियाकर्मियों ने एसडीएम शादाब असलम से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया था कि लकड़ी स्थानीय ठेकेदार एजाज की थी जिसको थाना सम्पूर्णानगर के पास किसी फार्महाउस से कटवाया गया था जिसका परमिट सही पाये जाने पर लकड़ी ठेकेदार के सुपुर्द कर दी गई है। उसी लकड़ी के बाबत जब डीएफओ उत्तर खीरी दिव्या सिंह ने पहले तो कोई संज्ञान नहीं लिया किन्तु मामला तूल पकड़ने पर उन्होंने फोन पर बताया कि लकड़ी पूर्व एसडीएम शादाब असलम की स्वयं की थी जो व्यकक्तिगत उपयोग हेतु मंगाई गयी थी। वहीं जब लकड़ी ठेकेदार एजाज ठेकेदार से इस बाबात बात की गई तो उसका कहना था कि सागौन की लकड़ी उसने स्वयं चंदनचौकी क्षेत्र से कटवाई थी। जिसका परमिट उसके पास है। मगर लकड़ी के कोई भी कागज ठेकेदार नही दिख सके। अब पहला सवाल यह है कि लकड़ी थाना सम्पूर्णनगर क्षेत्र से कटवाई गई थी या चंदनचौकी क्षेत्र से, दूसरा सवाल यह है कि लकड़ी एसडीएम की है या ठेकेदार की ? क्योकि यहां पर सभी के द्वारा भिन्न-भिन्न बयान दिये गये है। अभी तक यह बात साफ नहीं हो सकी कि लकड़ी आखिर किसकी थी और कहां गई? ऐसा भी नहीं कि इस मामले की जानकारी अन्य उच्चाधिकारियों को न हो। सभी सक्षम अधिकारियों को जानकारी दी गई, मगर कार्रवाई अभी तक कोई नहीं हो सकी। अगर गायब हुई लकड़ी की जांच की जाये तो जांच के घेरे में कई अधिकारी आयेंगे। फिलहाल यह अब जांच का विषय बन गया है।