वाराणसी नगर निगम – यहाँ भी उठा सदन में वंदेमातरम कहने का मुद्दा, खूब हुई जिच
मेयर का 25-25 लाख के विकास कोटे पर इंकार
एक तरफ वंदेमातरम तो दूसरी तरफ नारे तकबीर का लगा नारा
वाराणसी नगर निगम की दिनांक 01/04/2017 की प्रस्तावित बजट की बैठक मे बीजेपी पार्षदो ने भक्ति दिखाते हुए कहा कि अब सरकार बदल चुकी है। अब सदन की बैठक “वंदेमातरम” से शुरु होगी। इसके विरोध में अन्य दलों के पार्षदों का कहना था कि पिछले पांच वर्षो से यही पार्षद और मेयर है। कभी इन्हे देश भक्त की याद नही आई। क्या इन्हे वंदेमातरम कहने से कोई रोक रहा था? यूपी मे सरकार बनते ही तुष्टिकरण की नीति भाजपा अपना रही है। जबकि इनके नेता कह रहे है “सबका साथ, सबका विकास”।
एक समय ऐसा भी आया कि सदन में वंदेमातरम और नारे तकबीर एक साथ गूंज उठा. एक आपा धापी का माहोल हो चूका था. सबसे मज़ेदार पहलू उस समय नज़र आया जब बीजेपी पार्षदो, यहां तक कि मेयर तक को “राष्ट्रीय गीत” वंदेमातरम याद नही था। वही दूसरी तरफ मेयर साहब के पास शहर के विकास के लिए पार्षदो को 25-25 लाख का विकास कोटा देने के प्रस्ताव पर मेयर साहब खामोश थे। कोई निर्णय नही करा सके।
इस सम्बन्ध में सपा पार्षद असलम खान ने कहा कि ये भाजपा के लोग विकास को कम, तुष्टिकरण और ध्रुविकरण पर अधिक ध्यान देते हैं। आजतक वन्देमातरम कि याद नहीं आई आज अचानक तुष्टिकरण के राजनीती में वन्देमातरम कि याद सताने लगी. खुद मेयर साहेब को वन्देमातरम याद नहीं है फिर कैसे किसी से ज़बरदस्ती वन्देमातरम कहलवा सकते है. देश में अभिव्यक्ति कि आज़ादी है और भाजपा इस आज़ादी को छीनना चाहती है ऐसा हम हरगिज़ नहीं होने देंगे.
इस सम्बन्ध में कांग्रेस पार्षद रमजान अली ने कहा कि मेयर साहेब सिर्फ सरकारी खर्च पर क्योटो घूम रहे है और विकास को किनारे रख विकास के नाम पर सिर्फ भाषण देते है. किसी को कोई शब्द कहने के लिए देश में बाधित नहीं किया जा सकता है. और भाजपा यहाँ हिटलरशाही करना चाहती है जो हम लोग होने नहीं देंगे.ये देश भक्ति का झूठा नाटक करने वाले लोग है. इतिहास गवाह है स्वतंत्रता संग्राम में संघ का कभी कोई योगदान नहीं रहा है. ये भूल गए है कि सभी का खून शामिल है यहाँ कि मिटटी में.