आगरा – हिन्दू संगठनो के पथराव में क्षेत्राधिकारी घायल

आगरा 23 अप्रैल। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के नए डीजीपी सुलखान सिंह ने कानून हाथ में लेने वालों को ना बख्शने की बात कही है। लेकिन आरएसएस के सहयोगी संगठनों पर इसका कितना असर पड़ा है, इसकी एक नजीर आगरा में देखने को मिली है। शनिवार की शाम को विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल किया। प्रदर्शनकारियों के हौसले इस कदर बुलंद थे कि उन्होंने कुछ पुलिसवालों पर भी हमला कर दिया। ये लोग अपने कुछ कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने और कुछ पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग कर रहे थे।

ऐसे हुआ हंगामा
बवाल की शुरुआत फतेहपुर सीकरी थाने के बाहर हुई। वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता यहां प्रदर्शन करने पहुंचे थे। लेकिन जल्द ही आंदोलनकारी हिंसक हो गए। खबरों के मुताबिक कार्यकर्ताओं ने कुछ पुलिसवालों के साथ खींचतान की। आरोपों के मुताबिक वीएचपी के एक नेता ने सीओ को थप्पड़ जड़ दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। दोनों ओर से तकरीबन आधे घंटे तक पथराव होता रहा। हिंसा में कई लोगों को चोटें आईं। पुलिस ने मौके से कई आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हंगामे की शुरुआत फतेहपुर सीकरी से बीजेपी एमएलए उदयभान सिंह के मौके से रुखसत होने के बाद शुरू हुआ।
शाम को जारी रहा बवाल
पुलिस आरोपियों को सदर बाजार थाने में लेकर आई थी। इस बात की भनक लगते ही हिंदू संगठन और बीजेपी के स्थानीय नेता थाने के बाहर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। आरोपों के मुताबिक इन लोगों ने थाने के लॉक अप को तोड़ने की कोशिश की। एक बार फिर नौबत पथराव और लाठीचार्ज तक पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों ने संतोष कुमार नाम के एक पुलिस अफसर की बाइक में आग लगा दी और उसकी सर्विस रिवॉल्वर छीन ली। हंगामा देर रात तक चलता रहा। बीजेपी विधायक उदयभान सिंह और उनके सांसद बेटे राकेश चौधरी भी सदर बाजार थाने के बाहर पहुंच गए और पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की। हिंसा में पुलिस की कई गाड़ियों के शीशे टूट गए। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने केनरा बैंक के एटीएम में तोड़फोड़ की। बवाल में कई लोग घायल हो गए।
क्या था मामला?
इस पूरे हंगामे की जड़ में गुरुवार को तेहरा जौताना इलाके के नजदीक हुई मारपीट का मामला है। आरोप है कि सब्जी कारोबारी फूल कुरैशी और रिजवान के साथ हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। वीएचपी और बजरंग दल इकी रिहाई की मांग कर रहे थे।

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