उच्च न्यायालय में बनी मस्जिद प्रकरण – उच्च न्यायालय ने प्रशासन से किया जवाब तलब

आफताब फारुकी 

इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए अधिग्रहीत जमीन पर अतिक्रमण कर बनी मस्जिद को हटाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार, वक्फ बोर्ड व मुतवल्ली से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड को याचिका में पक्षकार बनाने की अनुमति दी है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने अधिवक्ता अभिषेक शुक्ला की याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट प्रशासन की तरफ से अधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि कोर्ट की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। मस्जिद का असितत्व नहीं है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि मस्जिद पंजीकृत हो गयी है और वह वक्फ सम्पत्ति है। यदि कुछ अतिक्रमण हुआ है तो वह समेट सकते हैं। याची का कहना है कि हाईकोर्ट को मिली जमीन में जिला प्रशासन की रिपोर्ट में मस्जिद के अस्तित्व से इंकार कर दिया है। कोर्ट की जमीन में विगत कुछ वर्षाें से सम्प्रदाय विशेष के लोगों ने अतिक्रमण कर मस्जिद बना ली है। यह अवैध है। अतिक्रमण हटाया जाए। याचिका की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।

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