ब्रिटिश राजदूत पर हमले के मामले में हूजी के चीफ मुफ्ती हन्नान समेत तीन की फांसी तय
28/7/2005 को हुए श्रमजीवी कांड के आरोपियों को बांग्लादेश में देता था बम बनाने की ट्रेनिंग
जावेद अंसारी
श्रमजीवी विस्फोट कांड के आरोपियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देने वाले हूजी के कमांडर मुफ्ती हन्नान समेत तीन आरोपियों की दया याचिका बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने खारिज कर आरोपियों की फांसी की सजा बरकरार रखा। 21 मई 2004 को ब्रिटिश राजदूत अनवर चौधरी पर ग्रेनेड से हमला किया गया था जिसमें वह तो बच गए लेकिन तीन पुलिसकर्मी मारे गए और 70 अन्य लोग घायल हो गए। आरोपियों को बांग्लादेश की निचली अदालत ,हाई कोर्ट व मार्च 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा बरकरार रखा। हूजी कमांडर मुफ्ती हन्नान ही श्रमजीवी कांड के आरोपियों को बांग्लादेश में बम बनाने की ट्रेनिंग देता था।
28 जुलाई 2005 को श्रमजीवी बम विस्फोट कांड में 12 लोगों की मौत हो गई व। 62 घायल हुए। मामले में आतंकवादी ओबेदुर्रहमान व व रोनी उर्फ आलमगीर को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है ।दो आरोपी हिलाल व नफीकुल का विचारण चल रहा है ।यह दोनों आरोपी हैदराबाद में एक अन्य विस्फोट कांड के मामले में जेल में हैं।आरोपी रोनी व ओबेदुर्रहमान व हिलाल बांग्लादेश के रहने वाले हैं । सुनाई गई फांसी की सजा के विचारण के दौरान प्रकाश में आया कि आतंकी अनीसुल, मुहीबुल , रोनी व याहिया आदि को हूजी कमांडर मुफ्ती बांग्लादेश के चिटगांव में बम बनाने की ट्रेनिंग देता था । आतंकी याहिया व सजायाफ्ता ओबेदुर्रहमान बम बनाने में माहिर थे । ट्रेनिंग के बाद बांग्लादेश में ही जुलाई 2005 में श्रमजीवी ट्रेन में विस्फोट की योजना बनी ।जिसमें याहिया व ओब्दुर्रहमान को बम बनाने का कार्य तथा हिलाल व रोनी ने श्रमजीवी ट्रेन में बम रखने का काम सौंपा गया। सभी भारत आये। ओबेदुर्रहमान व याहिया बिहार के खुसरूपुर स्टेशन पर बम बनाकर ट्रेन में रखवाने के बाद वापस बांग्लादेश चले गए। मास्टरमाइंड कंचन को टारगेट की रेकी का कार्य दिया गया था ।आरोपी नफीकुल पर अन्य आरोपियों की मदद करने का आरोप है।