और अब आसान नहीं रहा रोडवेज बस का सफर, बसों में चलती है परिचालकों की मनमानी

मैलानी स्थित बस स्टाप तक जाने को कहने पर बस से जबरन यात्रियों को उतार देते हैं परिचालक
परिचालकों की मनमानी के चलते राजस्व का भी हो रहा भारी नुकसान

फारूख हुसैन . 

लखीमपुर-खीरी। फिलहाल अब रोडवेज बस का सफर करना इतना आसान नहीं रह गया है। पलिया से चलने वाली रोडवेज बसों को कभी मैलानी स्थित बस स्टाप तक नहीं ले जाया जाता है। यदि कोई यात्री बस स्टाप तक बस को ले चलने के लिए कहता भी है तो बसों के परिचालक उस यात्री को हाथ पकड़कर जबरन बस से नीचे उतार देते हैं। बसों के परिचालकों की इस मनमानी के चलते यात्रियों को तो परेशानियों का सामना करना पड़ता ही है, साथ ही राजस्व का भी भारी नुकसान होता है।

हालांकि कई बार सम्बन्धित अधिकारियों से इस मामले की शिकायत भी की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बता दें कि पलिया से मैलानी, शाहजहांपुर, गोला, खुटार तथा बरेली तक के लिए सरकार द्वारा रोडवेज बसों का संचालन कराया जा रहा है, लेकिन इन बसों का संचालन चालक व परिचालक अपनी मनमर्जी के अनुसार कर रहे हैं। रोडवेज के परिचालकों द्वारा यात्रियों के साथ की जाने वाली अभद्रता कई बार प्रकाश में आई और मामले की शिकायत कई बार आरएम तथा एआरएम से भी की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। मंगलवार को इसका जीता-जागता सुबूत देखने को मिला। पलिया से भीरा पहुंची रोडवेज बस संख्या यूपी 34 टी 6746 में कुछ यात्री सवार हुए और उन्होंने मैलानी का टिकट देने के लिए परिचालक को पैसे दिए तो परिचालक ने कहा कि मैलानी जाना है तो कस्बे के बाहर तिकुनियां पर ही उतरना पड़ेगा, क्योंकि बस को अन्दर बस स्टाप तक लेकर नहीं जाएंगे। इतना ही नहीं परिचालक से कुछ यात्रियों की काफी देर तक नोंकझोंक भी होती रही, लेकिन परिचालक बस को बस स्टाप तक ले जाने के लिए तैयार नही हुआ तो मजबूर होकर यात्रियों को बस से उतरना पड़ा। बता दें कि इससे पूर्व भी एक 1047 नम्बर की बस में भी परिचालक द्वारा यात्रियों के साथ इसी बात को लेकर अभद्रता की गई थी। यह कोई नया मामला नहीं है, रोडवेज में ऐसा आए दिन होता रहता है। इस वजह से यात्रियों का रूझान रोडवेज बसों की ओर बहुत कम रह गया है। रोडवेज बसों के परिचालकों की इस मनमानी का लाभ प्राइवेट बसों को मिलने लगा है, क्योंकि प्राइवेट बसें हमेशा मैलानी कस्बे के अन्दर बस स्टाप तक जाती हैं। दूसरा फायदा यह भी होता है कि रोडवेज से किराया भी प्राइवेट बसों में कुछ कम लिया जाता है। फिलहाल परिचालकों की इस मनमानी के चलते यात्रियों को परेशानियां होने के साथ-साथ परिवहन विभाग को भी राजस्व की भारी क्षति हो रही है।

फोन नहीं रिसीव करते हैं अधिकारी
रोडवेज बसों में यात्रियों को जब परेशानी होती है तो वह शिकायत करने के लिए जब विभाग के अधिकारियों का नम्बर लगाते हैं तो अधिकारी भी इतने लापरवाही का शिकार हैं कि यात्रियों का फोन ही नहीं रिसीव करते हैं। मंगलवार को भीरा में जिस समय परिचालक द्वारा कुछ यात्रियों को हाथ पकड़कर बस से नीचे उतारा गया तो शिकायत करने के लिए आरएम सुनील कुमार नागर के मोबाइल नम्बर 8004912967 पर फोन किया गया तो वह रिसीव ही नहीं हुआ। लगभग 10 बार फोन किया गया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिल सका। इससे यात्रियों को काफी मायूस होना पड़ा और वह अपना सा मुंह लेकर वहां से चले गए।
नई सरकार के आदेशों का परिवहन विभाग पर नहीं दिख रहा कोई असर 
यूं तो प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की नई सरकार बनते ही प्रदेश के लगभग सभी विभागों में तेजी से सुधार होने लगा है। कमोवेश सभी विभागों में कुछ हद तक सुधार हो भी गया है, लेकिन परिवहन विभाग पर नई सरकार के आदेशों का कोई असर नहीं पड़ा और न ही इस विभाग के अधिकारियों में योगी सरकार का कोई खौफ ही है। जिस विभाग के अधिकारी इतने लापरवाह हो जाएं कि वह किसी का फोन तक न रिसीव करें तो सुधार होना कैसे सम्भव हो सकता है?

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