खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने में अधिकारी मौन क्यों

सी.पी. सिंह विसेन

विल्थरारोड (बलिया) खाद्य सुरक्षा लागू करने के लिए केंद्र के हरी झंडी दिए जाने के बाद भी राशन से होने वाली अवैध कमाई का मोह केवल कोटेदारो व माफियाओ ही नहीं अधिकांश अधिकारियों को खत्म नही हो पा रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में यहां तक ब्यवस्था है कि हाट गोदाम से कोटेदार की दुकान तक राशन पहुंचाने की ब्यवस्था है लेकिन बलिया तो बीरो की धरती है इसे भी विक्री करने वाले मौका पाते ही वेचने से पीछे नही हटने वाले है।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लागू होते ही राशन के दाम में मिलने वाली छूट राशन न मिलने से बंचित हो जाने पर छूट की राशि सीधे राशन कार्ड धारक के बैंक खाते में चली जायेगी और चोरबाजारी पर विराम लग जायेगा। लेकिन सच्चाई तो यह है कि चुनाव के समय ही नेताओ को वोट के लिए जनता की समस्या की याद आती है। फिर 5 साल तक किसी समस्या से किसी को लेना देना नही है। होना तो यह चाहिए कि सत्ता दल यदि गलत करता है तो विपक्ष की भूमिका जनता के हित मे सकारात्मक पहल की होनी चाहिए। लेकिन हो क्या रहा है सबको पता है। चुनाव खत्म जनता व उसकी समस्या जाय भाड़ में।

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