मेरा रंग दे बंसती चोला” का चला जादू, नम हो उठी काशीवासियों की आंखे

सुर गंगा संगीत महोत्सव की नवीं शाम रही देश और देशप्रेमियों के नाम
शबाब ख़ान
वाराणसी: भैसासुर घाट पर सुर गंगा संगीत महोत्सव में आज की शाम आबिद के देशभक्ति से सराबोर गीतो के नाम रही। जैसे जैसे शाम गुजरती जा रही थी वैसे-वैसे आबिद और उनकी टीम अपनें नग़मों से वहॉ मौजूद काशीवासियों के रगो में देशभक्ति का रंग भरती जा रही थी।

ऐसे में जब आबिद नें “मेरा रंग दे बंसती चोला” गाया तो न जाने कहॉ से काशीवासियों के हाथ में तिरंगें नजर आने लगे। इस गीत पर आलम यह था कि आंखों में देश प्रेम के आंसू लिए श्रोता हाथों में पकड़े देश की आन तिरंगें को हवा में हौले-हौले लहलहाने लग गये, मंच पर से आती गीत की मधुर आवाज़ के अलावा यदि कोई आवाज़ और थी तो वह मंच के पीछे से आती गंगा की लहरों की मध्धम आवाज़ थी, शायद गंगा मॉ भी अपने देश के लाडले शहीद-ए-आजम भगत सिंह को, उसकी दी गई कुर्बानी को याद करके खुद भी रो रही थी। आबिद की आवाज़ में वो दर्द था कि पूरा मंच, वीआईपी गैलरी, मीडिया गैलरी और आमजन से भरा भैसासुर घाट अपनी नम हो चली आंखों को पोछता नजर आया।

इससे पहले आबिद ने ‘ऐ वतन तेरे लिए’, ‘ऐ मेरे प्यारे वतन’, ‘दुल्हन चली’ जैसे देश प्रेम के नग़मों से वहॉ उपस्थित तमाम लोगो का दिल जीत लिया। बता दे कि यह ‘सुर गंगा संगीत महोत्सव’ की नवी शाम थी जो पूरी तरह से देश, देश प्रेम और उन तमाम शहीदो के नाम रही जो आजादी की दिवानगी में खुद को कुर्बान करके हमे आजादी दे गये। महासमारोह में आज की शाम के मुख्य अतिथि वाराणसी शहर उत्तरी के विधायक भाजपा के रविंद्र जायसवाल थे, जिनको स्मृति चिन्ह, शॉल आदि देकर सम्मानित करने के बाद आज की जादुई शाम की शुरुआत हुई।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *