पुरवैया चालू, उमस ने किया बेहाल, मड़ाई ठप
सुहैल अख्तर
घोसी(मऊ): लगभग एक महीने से प्रचंड धूप और लू के झकोरों ने धरती-आसमान को प्रदग्ध कर रखा था। सुबह होते ही दिशाएं धधकने लगती थीं। लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था। किंतु अचानक गुरुवार की सुबह नजारा बदला-बदला सा नजर आया। मौसम अंगड़ाई लेता प्रतीत हुआ। बादलों के साथ शीतल पुरवैया बहने लगी, ताप का मान कुछ कम हो गया। आसमान में बादलों के तैरते टुकड़ों ने सूर्यदेव की तपन को कुछ मद्धिम कर दिया। नतीजा लोगों को गर्मी से राहत तो मिली लेकिन उमस बढ़ना शुरू हो गई। इधर मौसम का यह रुख देख अभी तक कटाई और मड़ाई में पिछड़े किसानों की घबराहट बढ़ गई।
थ्रेशर और कंबाइन के लिए दौड़ने लगे किसान
आसमान में बादलों को उमड़ते-घुमड़ते देख किसानों के दिल की धड़कन बढ़ गई। जो कटाई-मड़ाई के बाद अनाज और भूसा घर में पहुंचाकर विश्राम कर रहे हैं, वे तो निश्चीत थे किंतु जिनका इनमें से एक भी काम अभी बाकी है, उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं कि अगर कहीं बारिश हुई तो सब चौपट हो जाएगा। कई गांवों में तो जल्दी से फसल कटवा कर या मड़ाई करा कर सुरक्षित रख लेने के लिए किसान परेशान देखे गए। सभी ट्रैक्टरों और कंबाइन मशीनों के लिए दौड़ते नजर आए। कई गांवों में तो पहले मेरा, के चक्कर में कई किसान आपस में भिड़ते भी नजर आए।
सुहाना हुए मौसम ने दी राहत
लगभग एक माह की तपन के बाद मौसम सुहाना हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन घर के बाहर निकलते ही भयंकर उमस का सामना भी लोगों को करना पड़ा। पसीने की चिपचिपाहट ने मन-मिजाज को परेशान किया तो आलस्य की नशीलापन बढ़ा दी।
मौसम को लेकर आशंकित हैं लोग
सुबह तल्ख धूप और दिन चढ़ने के साथ ही आई नमी और अचानक बढ़ गई आर्द्रता, इसके बाद बदली और पुरुवा हवा, मौसम का यह रुख देख लोग आशंकित थे। अंदाजा लगा रहे थे कि क्या होने वाला है। मौसम का हाल देख लोग बारिश की भी आशंका जताते रहे तो वहीं यह भी कहना था कि इस तरह का दो-रसा मौसम बीमारियों को जन्म देने वाला है।