महाराणा प्रतापसिंह जयंती पर स्टूडेंट हेल्प सोसायटी ने प्रदेश के 33 जिलों के 110 रक्तवीरो को किया सम्मानित
अब्दुल रज्जाक थोई
कार्यक्रम का शुभारम्भ विधायक व राजस्थान की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एम्बेसेडर दीया कुमारी,वैश्य समाज के युवा प्रदेशाध्यक्ष मुकेश विजय व रक्त सेवा में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र माहेश्वरी ने माँ शारदा के चित्र पर दीप जलाकर किया। इस अवसर पर रक्तदान से जुड़े बालोतरा निवासी अजय जैन ने रक्तदाताओं को प्रेरित करते हुये कवितायें सुनाई।सम्मानित करते हुये मुख्य अतिथि विधायक दीया कुमारी ने रक्तदान के क्षेत्र में 81 बार रक्तदान कर चुके भीलवाड़ा निवासी विक्रम दाधीच व राजस्थान की रक्त क्रान्ति के शिरमौर राजेन्द्र माहेश्वरी को विशेष सम्मान दिया।कार्यक्रम में अतिथि प्रमुख समाजसेवी अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय युवा महामंत्री राजू अग्रवाल मंगाडीवाला,शराबबंदी के लिये कार्य कर रही समाजसेवी पूनम छाबड़ा, समाजसेवी मुकेश विजय व विश्वनाथ पचेरिया ने युवा व युवती रक्तवीरों को सम्मानित किया ।विधायक दीया कुमारी ने राज.में पहली बार किये गये प्रदेश स्तरीय सम्मान पर स्टूडेंट्स हेल्प सोसायटी की सराहना करते हुये कहा कि जिस प्रकार विधायक के तौर पर सबसे ज़्यादा जरुरत के फ़ोन रक्त की कमी पर आते है और आप जैसे समाजसेवी के बिना संभव नही हो पाता कि जरुरत पूरी हो जाये और इस भीषण गर्मी में आप 500 किमी दूर सुदुर के रक्तवीर यहाँ आये हैं को नमन कर सम्मानित किया।रक्तक्रान्ति को बेटी बचाओं के साथ जोड़ने का आव्हान किया।वैश्य समाज के राष्ट्रीय युवा महामंत्री व समाजसेवी राजु अग्रवाल मंगोडीवाला ने रक्तदाताओं को प्रेरित करते हुये कहा कि ब्लड डोनेट कर एक शख्स दूसरे शख्स की जान बचा सकता है।ब्लड का किसी भी प्रकार से उत्पादन नहीं किया जा सकता और न ही इसका कोई विकल्प है।देश में हर साल लगभग 250 सीसी की 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। सिर्फ 5,00,000 यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है।हमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है।आंकड़ों के मुताबिक 25 प्रतिशत से अधिक लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है।ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है।भाजपा कोटा शहर जिला मंत्री मुकेश विजय ने बताया कि एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।समाजसेवी पूनम छाबड़ा ने कहा कि ब्लड डोनेशन सुरक्षित व स्वस्थ परंपरा है। इसमें जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है।सूरत के व्यवसायी व समाजसेवी विश्वनाथ पचेरिया ने बताया कि ब्लड देने से पहले मिनी ब्लड टेस्ट होता है, जिसमें हीमोग्लोबिन टेस्ट, ब्लड प्रेशर व वजन लिया जाता है।ब्लड डोनेट करने के बाद इसमें हेपेटाइटिस बी और सी, एचआईवी, सिफलिस और मलेरिया आदि की जांच की जाती है। इन बीमारियों के लक्षण पाए जाने पर डोनर का ब्लड न लेकर उसे तुरंत सूचित किया जाता है।रक्तक्रान्ति के सोशल मीडिया के प्रेरक राजेन्द्र माहेश्वरी के अनुसार ब्लड की कमी का एकमात्र कारण जागरूकता का अभाव है।18 साल से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष, जिनका वजन 50 किलोग्राम या अधिक हो, वर्ष में तीन-चार बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं।ब्लड डोनेट करने योग्य लोगों में से अगर मात्र 3 प्रतिशत भी खून दें तो देश में ब्लड की कमी दूर हो सकती है। ऐसा करने से असमय होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।ब्लड डोनेट करने से पहले व कुछ घंटे बाद तक धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।ब्लड डोनेट करने वाले शख्स को रक्तदान के 24 से 48 घंटे पहले ड्रिंक नहीं करनी चाहिए।ब्लड डोनेट करने के बाद आप पहले की तरह ही कामकाज कर सकते हैं। इससे शरीर में किसी भी तरह की कमी नहीं होती।इस अवसर पर राजस्थान के विभिन्न जिलों से आये रक्तवीरों ने अपने-२ जिले की गतिविधियों की जानकारी दी कि किस तरह कार्य कर जरुरतमंद की मदद शीघ्रता से हो व आपस में समन्वय कर राजस्थान को रक्तमुक्त बनाने का संकल्प लिया।सफल संचालन प्रीति सक्सेना ने किया।कार्यक्रम संयोजक नरेन्द्र सिंह नेगी ने अतिथियों का स्वागत करते हुये धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर प्रमुख रूप से सुरजीत गोठवाल ,अब्दुल रज़्ज़ाक़ थोई ,जेपी सर ,नीतू सेजवाल,नंदिनी चौधरी,निहारिका कंवर,राम मनोहर मीणा,राहुल गुप्ता,अनिल मोदी,नेहा शर्मा,रामवीर चौधरी,सी.पी.मीणा(चन्दू) व घनिस्ट जिंदल सहित सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहें