किसके बयानों से बनी सुर्खियां – नसीम जैदी – जाकिर मूसा – नसीमुद्दीन सिद्दीकी – डोनाल्ड ट्रंप

शबाब ख़ान
‘चुनाव आयोग का कोई खास काम नहीं है, हम सभी दलों और समूहों से समान दूरी बनाकर चलते हैं।‘  
— नसीम जैदी, मुख्य चुनाव आयुक्त
मुख्य चुनाव आयुक्त
नसीम जैदी का यह बयान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ की आशंका पर सर्वदलीय बैठक समाप्त होने के बाद आया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग की संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह सभी दलों के बीच उचित दूरी बनाकर चले। नसीम जैदी ने हालिया विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम से छेड़छाड़ को साबित करने के लिए राजनीतिक दलों को एक मौका देने की बात कही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि आगामी सभी चुनावों में ईवीएम के साथ वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ-साथ लोगों का भरोसा बढ़ेगा।

‘कश्मीर की जंग इस्लामिक सत्ता और शरियत लागू करने के लिए है।’
— जाकिर मूसा, हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर
आतंकी जाकिर मूसा का यह बयान कश्मीर के हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं का सिर काटकर लाल चौक पर लटकाने की धमकी देते हुए आया। हिजबुल मुजाहिद्दीन की ओर से जारी ऑडियो टेप में उसने पूछा है कि अगर यह इस्लामिक जंग नहीं है तो फिर ‘पाकिस्तान से हमारा रिश्ता क्या, ला इलाहा-इल्लल्लाह’ और ‘आजादी का मतलब क्या, ला इलाहा-इल्लल्लाह’ जैसे नारे क्यों लगते हैं? उसने मस्जिदों के इस्तेमाल और सुरक्षाबलों के हाथों में मारे जाने वाले आतंकियों को मुजाहिद्दीन कहे जाने की बात को भी इस्लामिक जंग से जोड़ा। इसी हफ्ते हुर्रियत के सभी धड़ों ने सफाई दी थी कि कश्मीर में सिर्फ आजादी की जंग चल रही है और इसका इस्लामिक आतंकवाद से कोई रिश्ता नहीं है।
‘मैंने वही किया जो मुझे मायावती ने सिखाया था।’  
— नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बसपा से निष्कासित नेता
नसीमुद्दीन सिद्दीकी का यह बयान बसपा प्रमुख मायावती द्वारा ‘ब्लैकमेलर’ कहे जाने की प्रतिक्रिया में आया। उन्होंने कहा, ‘मायावती मेरी तमाम जायदाद अपने नाम कराना चाहती थीं। मैंने अपनी संपत्ति बचाने के लिए उनके फोन रिकॉर्ड किए, जिसकी ट्रेनिंग भी मुझे उन्हीं से मिली थी।’ मायावती को सबसे बड़ा ब्लैकमेलर बताते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दावा किया कि उन्होंने जो बातें रिकॉर्ड की हैं, उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। मायावती पर बसपा के कई नेताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा प्रमुख से अपनी जान को खतरा बताया।
‘आशा है जेम्स कोमे हमारी बातचीत लीक नहीं करेंगे।’   
— डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) के बर्खास्त निदेशक जेम्स कोमे को चेतावनी देते हुए आया। जेम्स कोमे को नाटकबाज बताते हुए उन्होंने कहा, ‘सब उसके बारे में जानते हैं। आप साल भर पहले अगर एफबीआई को देखें तो वहां खलबली मची हुई थी।’ डोनाल्ड ट्रंप ने यह माना है कि डिप्टी अटॉर्नी जनरल की जांच रिपोर्ट (कोमे के बारे में) आने से पहले ही उन्होंने एफबीआई निदेशक को बर्खास्त कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति के मुताबिक जेम्स कोमे ने उन्हें जानकारी दी थी कि उन्हें रूसी अधिकारियों से राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रिपब्लिकन पार्टी को मिली कथित मदद की जांच से बाहर रखा गया है।

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