मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं वो मनगढ़ंत और निराधार हैं – नसीमुद्दीन सिद्दीकी
जावेद अंसारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद करीब दो महीने बाद बहुजन समाज पार्टी बीएसपी में बड़े नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी से बाहर कर दिया है,बसपा सुप्रीमो मायावती में पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे और उनके बेटे को बाहर करने का फैसला लिया, इन दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है,बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में बेनामी संपत्ति बना ली है साथ ही इनके कई अवैध बूचड़खाने भी चल रहे हैं जिसके चलते पार्टी की छवि खराब हो रही थी|
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा पर पलटवार
पार्टी से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा सुप्रीमो मायावती और सतीश चंद्र मिश्र पर पलटवार किया है, उन्होंने मीडिया में तीन पन्ने का प्रेस नोट जारी करके कहा, मैं अपने निजी काम से लखनऊ से बाहर आया हूं , मुझे मेरे परिवार के लोगों और शुभचिंतकों से पता चला कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेशों और निर्देशों पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने मुझे और मेरे बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी से निकाल दिया है|
उन्होंने लिखा, सच्चाई ये है कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं वो मनगढ़ंत और निराधार हैं, जबकि ये सारे आरोप जो उन्होंने मुझ पर लगाए हैं, मैं प्रमाण के साथ उन पर साबित कर दूंगा, जहां तक मेरे निकाले जाने का सवाल है तो मैं समझता हूं कि मेरे, मेरे परिवार और मेरे सहयोगियों को बसपा में 34-35 वर्षों की कुर्बानी का सिला दिया गया है|
नसीमुद्दीन ने लिखा, चुनाव के दौरान मेरी सबसे बड़ी संतान मेरी इकतौली बेटी बांदा में गंभीर रूप से बीमार हुई। मेरी पत्नी ने रो-रोकर मुझे फोन पर कहा, तुम आ जाओ, बेटी आखिरी सांसे ले रही है, मैंने मायावती से फोन पर अपने बेटी को दिखने की इजाजत मांगी तो उन्होंने कहा कि चुनाव फंसा हुआ है, तुम ही मेरे इलेक्शन एजेंट और चुनाव प्रभारी हो, तुम्हारे जाने का मतलब मेरा चुनाव हारना है,मायावती ने अपने स्वार्थ के चलते बेटी से मिलने नहीं जाने दिया, इलाज के अभाव में मेरी बेटी की मौत हो गई उनका आदेश मानकर मैं नहीं गया और मैं उनके कहने पर अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा सका।
नसीमुद्दीन ने लिखा, मायावती की गलत नीतियों के कारण उन्हें हार मिली, समय-समय पर उन्होंने मुझे बुलाकर अपरकास्ट, बैकवर्ड और मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे, मायावती, सतीश चंद्र और आनंद कुमार ने ऐसे अनैतिक काम करने के लिए कहा जो मेरे वश में नहीं था, उन्होंने लिखा कि मैं अभी लखनऊ में नहीं हूं कल प्रमाण के साथ मायावती एंड कंपनी का जवाब दूंगा|
व्हाट्सएप पर बना ‘बीएसपी रेजिग्नेशन ग्रुप
वहीं, नसीमुद्दीन को पार्टी से निकाले जाने के बाद बीएसपी में इस्तीफे की लाइन लग गई है, यही नहीं, व्हाट्सएप पर बकायदा बीएसपी रेजिग्नेशन ग्रुप बना दिया गया है, जिसमें लोग अपने ढंग से अपनी बात कह रहे हैं और अपने इस्तीफे की जानकारी दे रहे हैं|
मायावती पर जल्द करूंगा बड़ा खुलासा’
इसके बाद नसीमुद्दीन की ओर से बयान आया, उन्होंने कहा कि वह बीएसपी मुखिया मायावती के खिलाफ बड़ा खुलासा करेंगे,उन्होंने कहा, मुझे पैसों की वजह से निकाला गया है, आगे की रणनीति के बारे में बताने से इनकार करते हुए नसीमुद्दीन ने कहा कि वह पहले परिवार के लोगों और समर्थकों से बात करेंगे. इसी के बाद अपने अगले कदम की जानकारी देंगे|
बरहाल चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती नए सिरे से पार्टी के संगठन को तैयार करने में लगी है, लोकसभा चुनाव में बीएसपी एक भी सीट नहीं जीती थी, वहीं यूपी विधानसभा चुनाव में किसकी 19 सीटें पर सिमट गई थी, अब देखना यह है कि पार्टी के नए संगठन को तैयार करने के बाद बसपा सुप्रीमो क्या रंग लाती है|