बाबरी मस्जिद केस – आडवाणी समेत भाजपा के बड़े नेताओं पर चलेगा आपराधिक मामला

करिश्मा अग्रवाल
बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में भाजपा के रसूखदार नेताओं पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है।जी हां।बहुचर्चित बाबरी मस्ज़िद विध्वंस केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आडवाणी समेत बीजेपी के बारह नेताओँ पर आपराधिक साजिश रचने के तहत आरोप तय कर दिए हैं । इन नेताओं ने बरी होने के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. जब सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील द्वारा कहा गया की कोई साक्ष्य नहीं है तो इस दलील का सीबीआई के वकील ने विरोध किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इन पर आरोप तय़ करने को कहा है।आडवाणी को छोड़ अगर उमा भारती की अगर बात करें तो वो इस वक्त मोदी सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या चार्जशीट दायर होने के बाद उमा भारती इस्तीफा देंगी.

भाजपा नेताओं के खिलाफ जोड़ी गयी आपराधिक साजिश की भी धारा :
बीजेपी के इन बड़े नेताओं पर अभी तक समाज में वैमनस्य फैलाना, राष्ट्रीय अखंडता को खतरे में डालना, अशांति और उपद्रव फैलाने की नीयत से झूठी अफवाहें फैलाने से जुड़ी धाराओँ के तरत केस चल रहा था पर अब इसमें आपराधिक साजिश की धारा भी जोड़ दी जाएगी. ऐसे में दोष साबित होने पर उन्हें पांच साल तक की सजा हो सकती है.सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ और रायबरेली के मुकदमों को एक साथ चलाने का आदेश दिया था।.अब ये दोनों मुकदमे लखनऊ के सेशन्स कोर्ट में चलेंगे.                        
यह है बाबरी मस्जिद विध्वंस केस:
यह वाकया 6 दिसंबर 1992 का है जब यूपी में बीजेपी के कल्याण सिंह की सरकार में अयोध्या में राममंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओँ की मौजूदगी में लाखों कारसेवकों की भीड़ ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था.इस मामले में तब कुल दो एफआईआर दर्ज हुई थीं.एक लखनऊ में कारसेवकों के खिलाफ दूसरी फैजाबाद में बीजेपी और राममंदिर आंदोलन से जुड़े आठ बड़े नेताओं के खिलाफ जिनमें  लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतंभरा, गिरिराज किशोर, अशोक सिंहल, विष्णु हरि डालमिया, उमा भारती और विनय कटियार जैसे नेता शामिल थेे. इन 8 नेताओं पर अयोध्या में भाषण से हिंसा भड़काने का आरोप था.
कुल 21 नेताओँ के खिलाफ लगी थी आपराधिक साजिश की धारा:
इनका केस रायबरेली की अदालत में चल रहा था, लेकिन उसे भी लखनऊ के कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. सीबीआई ने जांच के दौरान साजिश के सबूत मिलने का दावा किया और 13 और नेताओं के नाम जोड़कर कुल 21 नेताओँ के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा लगा दी. सीबीआई ने लखनऊ की कोर्ट में 21 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश की साझा चार्जशीट दाखिल की लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तकनीकी आधार पर लखनऊ और रायबरेली के मुकदमों को दोबारा अलग अलग चलाने का निर्देश दिया. इसका फायदा नेताओं को मिला क्योंकि मुकदमे अलग अलग चलने से उस साझा चार्जशीट का कोई मतलब नहीं रह गया, जिसमें उनके ऊपर आपराधिक साजिश की धारा लगाई गई थी. सीबीआई ने 2012 में इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.                        
21आरोपी नेताओँ में से आठ का हो चुका है निधन:
करीब 25 साल से चल रहे इस मामले में जिन 21 नेताओँ पर आरोप था उनमें से आठ का निधन हो चुका है, ऐसे में अब कुल 13 नेताओं पर ये मुकदमा चलेगा. बीजेपी नेता विनय कटियार इस मामले में सीबीआई पर ही सवाल उठा चुके हैं. 1992 की घटना के वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह भी आरोपियों की लिस्ट में हैं लेकिन अभी वो राजस्थान के राज्यपाल हैं, इसलिए फिलहाल उनके खिलाफ केस नहीं चल सकता.

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