फ़्रांस के अख़बार लिमोड़ ने बताया ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मध्यपूर्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति
करिश्मा अग्रवाल
फ़्रान्स से प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र लिमोंड ने ईरान के जनरल क़ासिम सुलैमानी को मध्यपूर्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बताया है। लिमोंड ने अपने ताज़ा संस्करण में लिखा है कि मध्यपूर्व का सबसे शक्तिशाली पुरुष इराक़ द्वारा थोपे गए युद्ध के दौरान लड़ाई की कला से परिचित हुआ और क्रांति को 37 साल बीत जाने के बावजूद अब भी देश की सेवा कर रहा है। पत्र ने “क़ासिम सुलैमानी, ईरानियों के चेग्वारा” शीर्षक के अंतर्गत एक लेख प्रकाशित किया है।
लिमोंड ने लिखा है कि 17 महीने पहले अमरीका और मध्यपूर्व के कुछ सूत्रों ने क़ासिम सुलैमानी की माॅस्को यात्रा की सूचना दी थी जो सीरिया के बारे में थी। इस पत्र ने जनरल सुलैमानी को मध्यपूर्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बताते हुए लिखा है कि वे इराक़ द्वारा थोपे गए युद्ध के दौरान युद्ध की कलाओं से अवगत हुए और सद्दाम का तख़्ता उलटने के बाद इराक़ गए और इस समय सीरिया में हैं। पत्र के अनुसार इस्लामी क्रांति को 37 साल बीत जाने के बाद भी वे लड़ाई में व्यस्त हैं।
लिमोंड ने एक ईरानी समाचारपत्र के हवाले से लिखा है कि वे क्रांति के समय से युद्ध में जीवन बिता रहे हैं, उनकी ज़िंदगी हम जैसी नहीं है, उन जैसे व्यक्ति को बिस्तर में भी मौत की ओर से ख़तरा रहता है, वे शहीद होना चाहते हैं। लेख में कहा गया है कि ख़ुद क़ासिम सुलैमानी ने सन 2009 में इराक़ की सीमा पर लिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि मोर्चा, इंसान का खोया हुआ स्वर्ग है, वह स्वर्ग जो ईश्वरीय भय और शिष्टाचार से बना है। इस फ़्रांसीसी समाचारपत्र ने पिछले वर्षों में जनरल क़ासिम सुलैमानी की सामरिक गतिविधियों का जायज़ा लेने के बाद विभिन्न देशों विशेष कर सीरिया, इराक़ व लेबनान के राजनैतिक धड़ों से उनके संपर्क और सर्वोच्च सैन्य स्तर पर उनकी उपस्थिति की ओर संकेत किया है और कहा है कि काफ़ी समय तक ईरान के लोग उन्हें सही ढंग से नहीं पहचानते थे लेकिन बहुत से देशों के नेता उनसे संपर्क में रहते थे।