मायावती ने अपने उपर लगाये गए आरोपों को नकारते हुए नसीमुद्दीन को कहा ‘ब्लैकमेलर’
शबाब ख़ान
बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी प्रमुख मायावती पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं, नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर 50 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया था। मायावती ने इन आरोपों से इन्कार किया है और नसीमुद्दीन को ब्लैकमेलर बताया है। बहुजन समाज पार्टी ने 10 मई को पार्टी में कभी नंबर दो की हैसियत में रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफ़ज़ल सिद्दीकी को पार्टी से बाहर कर दिया था।
इसके बाद लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, “मायावती ने पार्टी के नाम पर 50 करोड़ रुपये मांगे थे।” इसके अलावा नसीमुद्दीन ने ये भी कहा मायावती ने मुसलमानों को गाली दी। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा, “मेरे पास तो मायावती के वैसे राज़ हैं जिन्हें खोल दूंगा तो दुनिया भर में भूचाल आ जाएगा।”
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने दावों के पक्ष में मायावती से बातचीत के कई ऑडियो टेप भी जारी किए और कहा कि मेरे पास 150 से ज़्यादा टेप हैं। वहीं मायावती ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “वो बहुत बड़ा टैपिंग ब्लैकमेलर है। पैसा ले लेता है। सही लोगों की बातें टेप कर लेता है। उसकी बदौलत धमकाता भी है। जो अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बातें टेप कर सकता है, और उसे काट छांट कर जारी कर सकता है, वह कार्यकर्ताओं को कितना धमकाता होगा।”
पैसे लेने के आरोपों पर मायावती ने ये कहा कि ये कोई नई बात नहीं है। मायावती ने कहा, “नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिन उम्मीदवारों को मेंबरशिप की किताब दिलवाईं, वे कहते थे कि पैसा नसीमुद्दीन को दे चुके हैं और इसने हिसाब किताब नहीं दिया। लोगों का पैसा अपने घर रख लिया और कई आरोप थे, जिसके चलते पार्टी से निकाला।” उधर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने ये दावा किया कि उन्हें सतीश मिश्रा एंड कंपनी के इशारे पर पार्टी से निकाला गया। उन्होंने ये भी कहा कि मिश्रा 2003 में पार्टी में आए थे, जबकि वे 1983 से कांशीराम के साथ जुड़े रहे हैं।