प्रदूषण भारत फैलाए, पैसा हम दें अब ऐसा नहीं चलेगा: ट्रम्प

करिश्मा अग्रवाल 

अमरीकी राष्ट्रपति ने भारत, चीन और रूस पर आरोप लगाया कि वे सबसे ज़्यादा प्रदूषण करते हैं और पैसे भी नहीं देते, ट्रम्प ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जल्द ही पेरिस जलवायु समझौते पर बड़े फ़ैसले का वादा किया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अमरीका से धन देने के लिए कहकर उसे अनुचित तरीक़े से निशाना बनाया जा रहा है जबकि रूस, चीन और भारत जैसे प्रदूषण करने वाले बड़े देश कुछ भी योगदान नहीं दे रहे हैं।

डोनॉल्ड ट्रम्प ने अमरीका के पेनसिल्वेनिया राज्य में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता एकतरफ़ा है। उन्होंने कहा कि मैं अगले दो सप्ताह के भीतर पेरिस समझौते पर बड़ा फ़ैसला लेने वाला हूं तब आप देखेंगे कि क्या होता है। अमरीकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि एकतरफ़ा पेरिस जलवायु समझौते के अनुसार एक ओर अमरीका अरबों डालर का योगदान करता है, वहीं दूसरी ओर भारत, चीन, और रूस जो विश्व भर में सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते हैं कोई योगदान नहीं करते हैं।
उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन के ख़तरे से निपटने और वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को दो डिग्री सेल्सियस तक नीचे लाने के लिए यह समझौता किया गया था। इसके तहत ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए क़दम उठाने पर सहमति बनी थी। पेरिस में 197 देशों ने जलवायु परिवर्तन समझौते को स्वीकार किया था, जिसके अंतर्गत जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकसित देशों की ओर से विकासशील देशों की मदद के लिए साल 2020 से 100 अरब डॉलर हर साल देने की प्रतिबद्धता जताई गई थी। इस बीच इस समझौते को विकासशील देश अपने ख़िलाफ़ मानने लगे हैं, ऐसे में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस समझौते को अब उलटने की योजना बनाई है।

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