मायावती सबसे बड़ी ब्लैकमेलर, जो सिखाया वही कर रहा हूं”:नसीमुद्दीन सिद्दीकी
मनोज गोयल(मंडल प्रभारी)
बसपा की कलह थमती नजर नहीं आ रही है ।अगले दिन भी बसपा सुप्रीमो मायावती और पार्टी से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बीच में जुबानी जंग जारी रही और दोनों के बीच शुरू हुई आरोपों की जंग खत्म होती नहीं दिख रही है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा कथित ऑडियो टेप जारी कर मायावती पर पैसे मांगने का आरोप लगाने के बाद मायावती ने सफाई देते हुए नसीमुद्दीन को ‘टेप ब्लैकमेलर’ करार दिया था. इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आज नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने एक बार फिर मायावती पर आरोपों को झड़ी लगा दी. आइये जानते हैं कि अब क्या खुलासा किया है, नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने :
कई नेताओं को प्रताड़ित कर पार्टी से निकाला:
“कल मायावती जी ने जो भी बातें रखीं. वो सारी बातें झूठ फरेब साजिश से भरी हुईं थीं. आज मैं दया शंकर मामले में अपना बयान दर्ज करवा कर आया हूं. मायावती जी ने कई नेताओं को प्रताड़ित कर पार्टी से निकाला दिया या फिर इतना प्रताड़ित किया कि लोग खुद पार्टी छोड़ कर चले गए. जो खुद प्रताड़ित होकर चले गए उनमें स्वामी प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक जैसे लोग शामिल हैं.”
मायावती का हथियार उन पर ही इस्तेमाल किया:
नसीमु्द्दीन सिद्दीकी ने कहा, “मैंने मायावती जी की साजिश, प्रकोप, मेरे व मेरे बच्चों के दमन से बचने के लिए उन्हीं का हथियार उनपर इस्तेमाल किया. फोन टेपिंग भी मायावती से सीखी. मैंने जब उनपर ही ये सब इस्तेमाल किया तो वो तिलमिला उठीं. मैं जानना चाहता हूं कि कल जो ऑडियो जारी किया था उसमें मैंने किसे ब्लैकमेल किया? क्या इससे पहले की मेरी कोई फोन टेपिंग मायावती के पास हो जिसमें मैं किसी को ब्लैकमेल कर रहा हूं, उसे पेश करें.”
मायावती से बड़ी कोई ब्लैकमेलर नहीं:
“मैं जो भी जानता हूं या जो भी करता हूं आपने ही सिखाया है. आप से बड़ा ब्लैकमेलर मैंने देश में दूसरा कोई नहीं देखा. खिद को बचाने के लिए साजिश करतीं हैं. अगर मायावती जी को पता था कि मैं टेप ब्लैकमेलर था तो पार्टी से निकालने से पहले सतीश चंद्र मिश्रा ने मुझपर कई आरोप लगाए लेकिन ब्लैकमेलिंग का आरोप क्यों नहीं लगाया? मेरे टेप जारी करने से पहले मैं सही था.”
खुद कितने सांसद जिताए,जवाब दें:
“मेरे ऊपर आरोप लगा कि कि मैं अपने बेटे को नहीं जिता पाया. मैं पूछना चाहता हूं कि मायावती जी आपने कितने जिता दिए. मेरे बेटे को जबरदस्ती चुनाव लड़ाया गया. वो दूसरे नंबर पर रहा. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी रही.”
आरोप साबित हुए तो छोड़ दूंगा राजनीति :
“मेरे ऊपर बांदा नगर निगम चुनाव हारने का आरोप लगा. एक डूबती पार्टी की अध्यक्ष हैं लेकिन यह भी नहीं पता किया 1990 में बांदा में नगर निगम का चुनाव तो क्या उपचुनाव भी नहीं हुआ. अगर ये साबित कर दें कि 1990 में बांदा में नगर पालिका चुनाव हुआ तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. अगर नहीं हुआ तो मायावती जी आप संन्यास ले लेना.”