बदहाली पर आंसू बहता = कस्तूरबा गांधी हॉस्टल व स्कूल

अनंत कुशवाहा 

अम्बेडकरनगर--सरकार तो अपनी सारी योजनाए तो सुनुयोजित तरीके से बनाती है , फिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे , देश में चलाये जा रहे स्वक्षता अभियान में क्या नेता क्या अधिकारी हर किसी के हाथो में झाड़ू हो , वहां 100 लड़कियों के रहने की व्यवस्था हो ऐसी जगह पर इतनी बदहाली , गन्दगी | स्वक्षता अभियान को एक करारा झटका जरूर है |

अम्बेडकरनगर जिले के टांडा शिक्षा क्षेत्र में 2011 से संचालित कस्तूरबा गांधी हॉस्टल व स्कूल जहां 100 गरीब लडिकया रह कर शिक्षा ग्रहण करती है आज पूरी तरह से बदहाल हो चूका है | हॉस्टल में रहने वाली 100 लडकिया और स्टाफ के 13 लोग रहते है | सरकार द्वारा चलाये जा रहे इस हॉस्टल में तो जैसे तैसे पढाई और रहने खाने सोने की व्यवस्था तो है | बदहाली इतनी है की  पानी गिराने से पहले सोचता जरूर है | अधिकारियो ने 2011 में जब ये हॉस्टल बनवाया तो पानी निकासी के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की वही आज यहां पढ़ने वाली लड़कियों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है | हमने जब इस हॉस्टल और स्कूल की सूरते हाल जानने की कोशिश की तो चौकाने वाला मामला सामने आया | हॉस्टल के परिसर के अंदर शौचालय के टैंक का पानी फैला हुआ था | नल भी जो लगे हुए थे उसका भी पानी न निकल पाने की वजह से कीचड़ बना हुआ था | असल में सारा मामला ये है की इस हॉस्टल में एक भी पानी निकासी के लिए कोई भी नाली नहीं बनवाई गयी , शौचालय का और नहाने का सारा पानी के सोख्ता टैंक में ही जाता था | लेकिन जब सोखता टैंक भर गया तो शौचालय और नहाने के पानी टैंक से बहार आकर फैला रहता है , जिससे बदबू के साथ साथ मच्छरों की फैक्ट्री बन गया है | जब हमने हॉस्टल की वार्डन से इस बदहाली और गन्दगी का कारण पूंछा तो उन्होंने बताया की पानी निकासी न होने के कारन शौचालय और नहाने का पानी सेफ्टी टैंक में जाने से ओवर हो जाता है , इससे परेशानी होती है | उन्होंने बताया की दोनों पानी एक ही जगह जाने से सेफ्टी टैंक भर जाता है और पानी बाहर बहने लगता है | मच्छरों के प्रकोप के बारे में बताया की स्वास्थ्य विभाग ने फागिंग मशीन भेजी है जिससे कुछ समस्या कम हुई है | उन्होंने बताया की बहोत साड़ी समस्याएं है कितनी बताये अधिकारियो को इसके लिए लिखा जाता है पर किसी तरह मिलकर समस्याओं को काम करने की कोशिस की जा रही है | उन्होंने बताया की शौचालय होने के बावजूद हमें सोचना पड़ता है की पानी कैसे गिराया जाय , जिसके लिए हमें सेफ्टी टैंक के चेम्बरो को खोलना पड़ता है |व खंड शिक्षा अधिकारी से बात की तो उनका अलग ही तर्क है | उन्होंने बताया की ये हॉस्टल की बिल्डिंग सड़क से नीचे है इस लिए हम लोगो ने सोचा है की बगल के स्कूल की जमीन में नया शौचालय बनवाया जाय | सरकार तो अपनी सारी योजनाए तो सुनुयोजित तरीके से बनाती है , फिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे , देश में चलाये जा रहे स्वक्षता अभियान में क्या नेता क्या अधिकारी हर किसी के हाथो में झाड़ू हो , वहां 100 लड़कियों के रहने की व्यवस्था हो ऐसी जगह पर इतनी बदहाली , गन्दगी | स्वक्षता अभियान को एक करारा झटका जरूर है |

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