RBI जारी किए निर्देश, कहा- सॉफ्टवेयर अपडेट करने तक बंद रखें एटीएम मशीनें
दुनिया के करीब 100 देशों में हुए साइबर हमले के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी भारतीय बैंकों को निर्देश दिया है कि सॉफ्टवेयर अपडेट होने तक एटीएम सेवाएं बंद रखें। वानाक्राई रैमसमवेयर नामक मैलवेयर माइक्रोसॉफ्ट विंडो से चलने वाले उन कम्प्यूटर को हैक कर लेता है जिनका सॉफ्टवेयर अपडेट न किया गया हो। भारत में विभिन्न बैंकों के करीब सवा दो लाख एटीएम हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 60 प्रतिशत एटीएम माइक्रोसॉफ्ट विंडो के बंद हो चुके संस्करण विंडो एक्सपी से चलते हैं। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने विभिन्न देशों में अब भी प्रयोग में लाए जा रहे विंडो एक्सपी सॉफ्टवेयर को ध्यान में रखते हुए रैनसमवेयर से बचने के लिए अपडेट जारी किए हैं।
वानाक्राई रैमसमवेयर नामक मैलवेयर यूजर्स के कम्प्यूटर को हैक करके फिरौती के तौर पर 300 डॉलर बिटक्वाइन की मांग करता है। इस मैलवेयर ने ब्रिटेन के नेशनल हेल्थकेयर सिस्टम को हैकर कर लिया था। इस मैलवेयर से प्रभावित कम्प्यूटर के डाटा को यूजर्स इस्तेमाल नहीं कर पाते। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया कि आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वो माइक्रोसॉफ्ट विंडो द्वारा जारी किए गए विंडो पैचेज को अपडेट करें और जब तक अपडेट नहीं हो जाते तब तक एटीएम मशीनें न चालू करें। रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने अपने मैनेजमेंट सर्विस प्रोवाइडर को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं।
नोटबंदी के दौरान सभी बैंकों को अपने एटीएम का रीकैलिब्रेशन करना पड़ा था जिसमें करीब एक महीने लग गए थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि सभी एटीएम के सॉफ्टवेयर अपडेट करने में कुछ दिन लग सकते हैं। हालांकि एक एटीएम ऑपरेटर ने टीओआई को बताया कि रैनसमवेयर से भारतीय एटीएम को कोई खतरा नहीं है क्योंकि रैनसमवेयर सिस्टम को बंद करके उसके नेटवर्क में मौजूद डाटा को लॉक कर देता है और यूजर्स को उसका इस्तेमाल नहीं करने देता। एटीएम मशीन में किसी तरह का डाटा नहीं होता है, न ही उसमें कोई स्टोरेज होता है जिससे ट्रांजक्शन पर रोक लग जाए।