अयोध्या में हुआ दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अन्तर्विषयी संगोष्ठी ‘लोक संस्कृति में राम’ का आयोजन
करिश्मा अग्रवाल(विशेष संवाददाता)
अयोध्या शोध संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में व्यंजना आर्ट एंड सोसाइटी एवं झुनझुनवाला ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स ने दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अन्तर्विषयी संगोष्ठी ‘लोक संस्कृति में राम’ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ योगेंद्र प्रताप सिंह ने संस्थान की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए ‘लोक संस्कृति में राम’ विषय के आध्यात्मिक ,धार्मिक व अलौकिक स्वरूप की चर्चा की। इसके उपरांत व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी की सचिव डॉ मधु रानी शुक्ला ने अयोध्या स्थान के चयन पर प्रकाश डाला। झुनझुनवाला ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स के निदेशक डॉ गिरिजेश त्रिपाठी द्वारा संस्था की कार्य प्रणाली पर प्रकाश डाला गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री स्वामी जी.सी.डी. भारती ,श्री युक्त श्रीवत्स गोस्वामी, विदुषी दीदी मां मंदाकिनी रामकिंकर,श्री सी पी मिश्रा,आदि थे।
उदघाटन सत्र में पंडित रामाश्रय झा द्वारा रचित ‘संगीतमय रामायण’ की मनोहर प्रस्तुति काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य व प्रख्यात गायक डॉ रामशंकर द्वारा दी गई जिसमें तबला वादन रजनीश एवं हारमोनियम संगत पंकज शर्मा ने की। इसके बाद वृंदावन के श्री युक्त श्रीवत्स गोस्वामी ने राम के ऐतिहासिक,सामाजिक एवं साहित्य पक्षों पर प्रकाश डाला।अगली वक्ता दीदी मां मंदाकिनी रामकिंकर ने राम राज्य की स्थापना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, ‘रामराज्य की परिकल्पना इसके कर्तव्यनिष्ठ पात्रों के बिना असंभव थी..’। मुख्य अतिथि पदमश्री स्वामी जी.सी.डी. भारती ने राम के लौकिक और अलौकिक दोनों स्वरूपों की विवेचना की।प्रथम सत्र का संचालन डॉ मनीष मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती मंजुला झुनझुनवाला ने किया ।
द्वितीय सत्र में कैरोलीना विश्वविद्यालय के विद्वान जॉन केडवेल ने ‘टेंपल्स इन नॉर्थ केरोलिना’ और ‘नार्थ कैरोलीना में रामलीला’ के बारे में विस्तृत रूप से बताया।श्री अफरोज ताज ने ‘वर्ल्डस लांगेस्ट मुस्लिम कंट्री: इंडोनेशिया’ विषय पर चर्चा की ।डॉ फरहत रिजवी ने ‘उर्दू साहित्य में राम’ विषय पर प्रकाश डाला।जापान की तोमोका मुशिंगा ने ‘डिस्कवरी ऑफ रामगया’ के बारे में अवगत कराया।मॉरिशस की भजन राधाष्टमी ने ‘रामा इन मॉरिशस’ विषय पर चर्चा की। इस द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ आशा अस्थाना व संचालन डॉ धनंजय चोपड़ा ने किया।
तृतीय सत्र के अंतर्गत कोलकाता की देवयानी चटर्जी ने भरतनाट्यम,पटना की डॉ रामादास ने निराला पर शक्ति काव्य पाठ,बीएचयू के प्रोफेसर के शशि कुमार ने कर्नाटक शैली गायन,मुंबई की डॉ माधवी नानल ने राममय पद,वाराणसी के श्री पंकज शर्मा ने रामपद,श्रीलंका के श्री अबेयसेकारा, कानपुर के पंडित विनोद द्विवेदी,कोलकाता के डॉ सुजीत घोष, दिल्ली की कु.अस्मिता मिश्रा, इलाहाबाद के श्री आनंद किशोर ग्रुप आदि ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया । इस सत्र की अध्यक्षता डॉ विजय शंकर मिश्र तथा श्री के सी मालू एवं संचालन प्रो निशा झा,सुश्री शुभांगी श्रेया व सुश्री सुचित्र यादव ने किया।