दो साल में स्मार्ट सिटी बन जाएगी काशी

शबाब ख़ान

वाराणसी: पुरातन नगरी काशी दो साल बाद नए कलेवर में दिखेगी। संकरी गलियां, गलियों में घूमते नंदी, गंगाघाट की ऐतहासिकता और पौराणिक महत्व को बरकरार रखते हुए उसे नया रंग-रूप दिया जाएगा। जर्जर तार हटेंगे तो खराब हो रहे पत्थर भी बदले जाएंगे। प्राचीनता के साथ आधुनिकता के अनूठे समन्वय का यह कार्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत होगा। योजना कई कदम आगे बढ़ चुकी है और पांच मई को लखनऊ में इस पर अंतिम मुहर लगेगी।

20 सितंबर 2016 को स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल होने के बाद विकास के लिए स्पेशल परपज व्हेकिल (एसपीजी) के तहत वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड (वीएससीएल) कंपनी के रूप में पंजीकृत हो चुकी है। आईटी क्षेत्र की कंपनी ग्रांट थारटन इंडिया लिमिटेड, लखनऊ की कंपनी रुद्राभिषेक इंटरप्राइजेज कंपनी लिमिटेड (आरईसीएल) को संसाधन जुटाने और नोएडा की कंपनी एएनबी को धरोहर संरक्षण के लिए काम करने के लिए चुना गया है। वीएससीएल कंपनी के नामित चेयरमैन मंडलायुक्त और नगर आयुक्त को सीईओ बनाया गया है।
अस्सी से राजघाट तक करीब 1300 एकड़ की आबादी वाले क्षेत्र में काशी की पहचान एवं प्राचीनता को बनाए रखने के साथ ही उसे आधुनिकता से भी लैस किया जाएगा। इस क्षेत्र के घाटों से लेकर गलियों, सड़कों में यातायात प्रबंधन, सीवेज, बिजली, पेयजल, स्कूल, अस्पताल और सफाई व्यवस्था-कचरा प्रबंधन के 21 बिंदुओं पर मॉडल के रूप में विकास किया जाएगा। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यही नहीं, टाउनहाल, तांगा स्टैंड गोदौलिया, मछोदरी स्कूल और कंपनी गार्डेन में पार्किंग बनेगी। इसके अलावा आवासीय कम आफिस मल्टी स्टोरी पार्किंग में जूता मार्केट लहुराबीर, सेनपुरा पशु चिकित्सालय, नगर निगम के पास पार्किग की व्यवस्था की जाएगी।                        

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