जाने आखिर क्यों बिहार का एक इंस्पेक्टर व एक एसआइ 10 साल नहीं बन सकेंगे थानेदार
गोपाल जी
शराबबंदी को लागू करने में शिथिलता बरतने, उसमें संलिप्तता और शराब सेवन की आशंका होने पर कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गयी है. हबीबपुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर विनय कुमार अगले दस साल तक थानाध्यक्ष नहीं बन सकेंगे. हबीबपुर में उनके थानाध्यक्ष रहते वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा कई बार करोड़ी बाजार में शराब की बरामदगी की गयी थी जिससे शराबबंदी को लागू करने में उनकी शिथिलता और शराब माफिया से उनकी संलिप्तता की बात सामने आयी.
उन्हें सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई चलायी गयी. एसएसपी ने उन्हें अगले 10 साल तक थानाध्यक्ष नहीं बनाये जाने की अनुशंसा की थी जिसपर डीआइजी ने अंतिम मुहर लगायी. इतना ही नहीं विनय कुमार पर मद्य निषेध मामले में विभागीय कार्रवाई में ससमय मंतव्य नहीं देने के आरोप में उनके खिलाफ एक और विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है.
दुर्गेश ने शराबी को पकड़ा नहीं दी सूचना, 10 साल नहीं बनेंगे थानाध्यक्ष. तिलकामांझी के पूर्व थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार को शराबी को पकड़ने के बाद वरीय अधिकारियों से इस बात को छिपाना काफी महंगा पड़ गया. पहले तो उन्हें सस्पेंड किया और विभागीय कार्यवाही के दौरान एसएसपी ने उन्हें अगले दस साल तक थानाध्यक्ष नहीं बनाये जाने की अनुशंसा की. एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि दुर्गेश कुमार ने शराबी को पकड़ा और उसी दिन डीएसपी के थाना पर जाने के बावजूद उस बात काे छिपाये रखा. फिलहाल वे कहलगांव में जेएसआइ के पद पर पदस्थापित हैं.