गौवंश तस्करी मामले मे त्योहारों का हवाला दे क्या कार्यवाही को टाल रहे है पुलिस अधिक्षक अम्बेडकरनगर
दस दिन बीत गये नही हुई कोई भी कार्यवाही
हियुवा के जिलाध्यक्ष व जिला मंत्री से प्रभारी एसओ द्वारा की गयी बदसलूकी का मामला
अनंत कुशवाहा/ अम्बेडकरनगर
हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष व जिलामंत्री के साथ प्रभारी थानाध्यक्ष अहिरौली कन्हैया यादव द्वारा किये दुव्र्यवहार तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के बारे में की गयी कथित अशोभनीय टिप्पणी के मामले में पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक को सौपी गयी जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुच सकी है।11 जून को सुबह सुबह गोतस्करी केा लेकर हुए इस विवाद की शिकायत जिलाध्यक्ष ने उसी दिन पुलिस अधीक्षक से कर दी थी लेकिन आरोप है कि पुलिस जांच के बहाने मामले को लटकाने का प्रयास कर रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा अभी तक न तो जिलाध्यक्ष सुनील जायसवाल का बयान दर्ज किया गया और न ही जिलामंत्री मुकेश मिश्रा का। सवाल यह है कि आखिर जांच के नाम पर हो क्या रहा है। जबकि अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि लोगों के बयान दर्ज किये जा रहे है।
घटना क्रम के अनुसार जिलामंत्री को भैसों के बीच में गोवंशों को रख कर ले जाये जाने की शिकायत मिली थी। इसी शिकायत पर उन्होने 11 जून की सुबह थाने के सामने भैस लदी कई गाडियों को रूकवाया था। इन गाडियों की भैसों के बीच में गाये भी लादी गयी थी। आरोप है कि मौके पर पहुचे जिलाध्यक्ष ने जब प्रभारी थानाध्यक्ष कन्हैया यादव से स्थिति देखने को कहा तो वे भडक गये, तथा कहा कि थाना वे चलाते है योगी नहीं। इतना कहने के बाद उन्होंने वहां खडी की गयी सभी गाडियों को भगा दिया। साफ है कि पुलिस के संरक्षण में अभी भी गोवंशों की तस्करी का काम धडल्ले से चल रहा है। इसकी शिकायत जब जिलाध्यक्ष सुनील जायसवाल ने पुलिस अधीक्षक से की तो उन्होने अपर पुलिस अधीक्षक को जांच सौप दी। लेकिन पांच दिन बीत जाने के बावजूद जांच जहां की तहा रूकी पडी हुई है। प्रश्न यह है कि जब एक जिम्मेदार नेता के साथ हुई बदसलुकी के बाद पुलिस का यह रवैया है तो आम जनता के साथ उसका व्यवहार कैसा होता होगा, यह आसानी से जाना जा सकता है। हालांकि पुलिस के इस रवैये आहत जिलाध्यक्ष ने पूरे प्रकरण की शिकायत पुलिस महानिदेशक से की है ।