देखे आखिर क्यों बैठी एक दुल्हन धरने पर
आसिफ रिज़वी
भारतीय सभ्यता और संस्कृति जिन मानवीय मूल्यो के लिए जानी पहचानी जाती है । उसका पतन होता दिखायी पड रहा है। हम ये यू ही नही कह रहे है बल्कि महिलाओ पर होने वाले घरेलू हिंसा को देखते हुए कह रहे है क्योकि हमारे समाज में आज भी संकीर्ण मानसिकता के लोग रहते है जिसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में देखने को मिला है जहाँ 29 जनवरी 2016 को सोनी नाम की एक लडकी जिसका घर बलिया था उसकी शादी मऊ जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र के सहादतपुरा मुहल्ले के रहने वाले प्रमोद वर्मा से हुयी थी ।
शादी के बाद सोनी दुल्हन बनकर अपने पति के साथ में ससुराल आयी और एक महिने बाद जब वह अपने मायके बलिया जनपद को गई । तब उसे तनिक भर भी नही पता था कि जिस पति के साथ वह महिनो उसके घर में रही वह उसकी जिन्दगी को नरक बनाकर रख देगा । उसकी कम शिक्षा की वजह से उसको घर से निकाल गेट का ताला बन्द कर फरार हो जायेगा। बता दे कि एक साल बीत गया इस दौरान कई बार गौने की रस्म के लिए सोनी के भाई और पिता बेटी के ससुराल को कहते रहे लेकिन इनकी तरफ से उनकी एक ना सुनी और अन्त में अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय देते हुए कहा कि आपकी बेटी कम पढी लिखी है और वह मेंरे बेटे के लायक नही है इसलिए हम लोग नही रख सकते है । जैसे ही यह बात सोनी के भाई और पिता को लगा दोनो वो लोग सोनी को लेकर उसके ससुराल पहूँचे तो इस बात की तस्दीक करने लगे कि आखिर आपलोगो द्वारा मेरी बेटी के देखने समझने के बाद शादी किया गया था अब ऐसा क्यू कह रहे है जिसकी पंचायत मुहल्ले के समानित लोगो ने किया लेकिन बात नही बनी तो आखिर दुल्लहन ने अपने ससुराल के दहलीज पर धरने पर बैठ गयी है और उसने यह ब्रत ले लिया है जब तक उसको इस घर में जगह नही मिलेगी तब तक वह धरने पर बैठी रहेगी । हालाकि धरने पर बैठने के बाद सोनी शहर कोतवाल को इसकी सूचना दिया तो सोनी के परिवार वाले घर में ताला लगाकर फरार हो गये । कोतवाल ने मदद से इनकार कर दिया तो सोनी ने मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव को भी फोन पर दिया और उनके कहा कि उसकी मदद करे वह अपने ससुराल में धरने पर बैठी हुयी है क्योकि उसके परिवार के लोग उसको घर से निकाल दिए है और उसको रखना नही चाहते है । हालाकि इस मामले में सोनी भाई ने बताया कि जिस समय शादी हुयी थी उस समय ऐसी कोई बात नही थी लेकिन अब ऐसा कर रहे है क्या कहे हालाकि इस मामले मे कहा कि पुलिस प्रशासन की तरफ से उन्हे कोई ज्यादा मदद की उम्मीद नही दिखायी पड रही है ।