अरब नैटो के गठन का लक्ष्य, फ़िलिस्तीनी मुद्दे को किनारे लगाना है
करिश्मा अग्रवाल
तेहरान में फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के प्रतिनिधि का कहना है कि अरब नैटो के गठन का मुख्य लक्ष्य, क्षेत्रीय राजनीति के मानचित्र से फ़िलिस्तीन के मामले को हटाना और ज़ायोनी शासन के साथ सहयोग करना है। तेहरान में फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के प्रतिनिधि नासिर अबू शरीफ़ ने बुधवार को पत्रकार सम्मेलन में अरब नैटो को क्षेत्र में पथभ्रष्टता और गुमराही बताया और कहा कि अरब – ज़ायोनी नैटो का गठन, इस्लामी प्रतिरोध और उन सभी लोगों से मुक़ाबले के लिए किया है, जो ज़ायोनी षड्यंत्रों से मुक़ाबला करते हैं।
अबू शरीफ़ ने ज़ायोनी शासन के हित में क्षेत्रीय समीकरणों को बदलने के प्रयास की ओर से सचेत करते हुए कहा कि दुश्मन मुस्लमानों में मतभेद पैदा करना चाहते हैं और रियाज़ में 21 मई 2017 की अरब-अमरीका बैठक, इसी वास्तविकता का मुंह बोलता प्रमाण है। तेहरान में फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन के प्रतिनिधि ने इसी प्रकार मुस्लमानों के पहले क़िबले के समर्थन के लिए विश्व क़ुद्स दिवस को सम्मानीय बताया और कहा कि ज़ायोनी शासन और उसके समर्थक, मुसलमानों के मुख्य दुश्मन हैं
दूसरी ओर इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के तेहरान में प्रतिनिधि ख़ालिद क़दूमी ने इस पत्रकार सम्मेलन में कहा कि अमरीका अतीत की भांति विश्व आतंकवाद के मुखिया के रूप में इस्राईल का अब तक पक्ष लेता है।हमास के प्रतिनिधि ने विश्व क़ुद्स दिवस की ओर संकेत करते हुए कहा कि ज़ायोनी शासन केवल फ़िलिस्तीनियों का दुश्मन नहीं है बल्कि अरब और इस्लामी देशों में मतभेद फैलाने, दंगा फ़साद और तबाही का स्रोत है। ज्ञात रहे कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी ने फ़िलिस्तीनियों से सहृदयता व्यक्त करने के लिए पवित्र रमज़ान के अंतिम शुक्रवार को विश्व क़ुद्स दिवस बनाने की अपील की थी।