राहगीरों को समझ नहीं आता – गड्ढे में है सड़क कि सड़क मे है गड्ढा,
अन्जनी राय /संजय ठाकुर
मऊ । सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने हेतु प्रदेश सरकार का आदेश हवा-हवाई साबित हो गया है. इस काम के लिए तय समय सीमा 15 जून समाप्त हो गया. बावजूद इसके मऊ जनपद के अधिकांश खस्ताहाल मार्ग जस के तस पड़े हुए हैं. लोग पूर्व की भांति उन पर आवागमन की कठिनाई झेलने को विवश है।
सरकारी आदेश जारी होने के बाद लोगों में जगा खुशी का भाव समय सीमा ख़त्म होने के बाद अब निराशा में बदल गई है। कारण कि मानसून सर पर है और बारिश के दौरान खस्ता हाल मार्ग का निर्माण कार्य शायद ही हो पाए। लोग प्रदेश सरकार के मंशा की सराहना तो कर रहे हैं किंतु इस मामले में बरती गई प्रशासनिक सुस्ती से उन में आक्रोश व्याप्त है।
मधुबन घोसी मार्ग हो या मझवारा घोसी मार्ग जनपद के लगभग अधिकांश मार्ग इस समय गड्ढे में तब्दील हो गया है। मधुबन घोसी मार्ग पर जामडिह के पास तो समझ में ही नहीं आता है कि गड्ढे में सड़क है या सड़क मे गड्ढा है । यह मार्ग तो वर्षों से उपेक्षित है ही थोड़ी सी बारिश होते ही सड़क खस्ताहाल हो गया है और घुटना भर पानी लग गया है। कई वर्षो पहले पक्का किए गए इस मार्ग की गिट्टियां जगह जगह से उखड़ गई हैं। गिट्टियों के उखड़ने पर बने गड्ढे अक्सर दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। इस मार्ग पर चलना दुर्घटना को दावत देने के समान हो गया है। लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि ऐसे हैं कि केवल अपनी भलाई में ही लगे है यहां जनता की सुनने वाला कोई नहीं है।