मिशन राष्ट्रपति : भाजपा की सोनिया गांधी से मुलाकात आखिर क्या रुख बदलेगी सियासी हवाओं का

करिश्मा अग्रवाल
यूपी की जंग में तो भगवा लहर गया और 2019 के लिये भी कमर कस ली गई है।लेकिन अब हाल फ़िलहाल ये पुरानी बातें छोड़ इन दिनों जिस चर्चा का बाजार सबसे अधिक गर्म है वो है –राष्ट्रपति चुनाव। लोगों के बीच ही नहीं अब ये चर्चा सियासी खेमे में भी गर्माती जा रही है,और सारे धुरंदर इसको लेकर अपनी रणनीति और राजनीति की बिसात बिछाने में मशगूल हो गए हैं।

बैठक और विचारविमर्श के दौर शुरू :
राष्ट्रपति चुनाव के लिए सरकार की तरफ से बैठक तो शाम को विपक्षी दल के नेता एकजुट हुए साथ ही यूपीए ने दिल्ली में बैठक की।सिर्फ एकजुट पार्टिया ही नहीं बल्कि विपक्ष के साथ भी बैठकों का दौर तेज़ होने लगा है।इसी बाबत भाजपा कमेटी परसों सोनिया गांधी से मुलाकात कर इस बारे में चर्चा करेगी।इससे पहले बीजेपी की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और कई बड़े मंत्रीयों की उपस्थति में हुई बैठक में लंबी चर्चा चली जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाजपा राष्ट्रपति पद को लेकर अपनी रणनीति काफी कुछ तय कर चुका है।
खूब व्यस्त हैं राजनाथ ,नायडू,जेटली :
राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति और पार्टी के आगे की कार्यवाही हेतु शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जेटली सबसे आगे सक्रीय नजर आ रहे हैं।साथ ही यह लगातार बैठकों और मुलाकातों में व्यस्त नजर आ रहे हैं।ऐसा सुना जा रहा है कि भाजपा उम्मीदवार का 23 जून को नामांकन हो सकता है।
भाजपा की तैयारियां जोरों पर :
25 जून से पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं, इसलिये नामांकन की तारीख में पीएम मोदी भी इस दौरान मौजूद रह सकते हैं।वित्त मंत्री अरुण जेटली 17 तारीख को विदेश दौरे से लौटेंगे. इसके अगले दिन यानि 18 जून से अमित शाह की बनाई तीन सदस्यीय कमेटी एनडीए और विपक्षी दलों से बातचीत शुरू कर देगी. तब तक राजनाथ सिंह अपने स्तर पर दलों से बातचीत करेंगे.वेंकैया नायडू दक्षिण भारत की प्रमुख पार्टियों से संपर्क करेंगे. AIDMK जैसी बड़ी पार्टी को साधने का जिम्मा वेंकैया नायडू के पर और राजनाथ सिंह शिवसेना, एनसीपी , एसपी, बीएसपी जैसे दलों से बात कर उन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे. वहीं सूत्रों की माने तो अरुण जेटली जेडीयू, आरजेडी, बीजेडी जैसे दलों को अपने साथ लाने की कोशिश करेंगे।
तो क्या तय हुआ है कोई नाम…..!
उड़ती उड़ती चर्चाएं है की अमित शाह के तय किये हुए एक नाम पर सहमति बनाने की कोशिश हो रही है. हालांकि पीएम मोदी से औपचारिक चर्चा के बाद ही नाम का एलान होगा. बीजेपी की कमेटी पहले विपक्षी पार्टी के नेताओं से बात कर उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस से बातचीत का जिम्मा जेटली को :
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस नेताओं से बातचीत का दारोमदार वित्त मंत्री अरुण जेटली के ऊपर है. जेटली के सीधे गांधी परिवार से तो बात के संकेत नहीं है लिए लेकिन जेटली आम सहमति बनाने के लिए गांधी परिवार के करीबी नेताओं को समझाने की कोशिश जरूर करेंगे।
समर्थन जुटाने में जुटी भाजपा :
भाजपा की माने तो विपक्ष की 17 पार्टी में से कुछ पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उनके संपर्क में हैं.साथ ही AIADMK के दोनों धड़ों का भी समर्थन मिलने का दावा है. बीजेपी अपने प्रेसिडेंट प्लान के तहत जहाँ आम सहमति बनाने की तैयारी में है,वही विपक्ष भी अपनी रणनीति तैयार कर रहा है.
शत्रुघ्न सिन्हा की मांग आडवाणी ही हो राष्ट्रपति :
भाजपा सांसद शत्रुघन सिन्हा ने बीजेपी वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाने की मांग की है, शत्रुघन सिन्हा ने ट्वीटर पर लिखा है कि,
आडवाणी जी आज के परिस्थिति में राष्ट्रपति पद के लिए देश की पहली और आखिरी पसंद हैं. आडवाणी जी राष्ट्रपति पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं. मैं देश के लोगों से अपील करता हूं कि वो अपने विचारों के साथ आगे आएं और आडवाणी जी का समर्थन करें। हालांकि बीजेपी शत्रुघन सिन्हा के विचारों को कितना महत्व देगी कोई नही कह सकता।राष्ट्रपति पद का दावेदार कोई भी हो ताज किसके सर सजेगा वक्त ही बताएगा।

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