पैदा होते ही मरने को फ़ेंक दी गयी बेटियाँ, एक सिधारी और दूसरी बिलरियागंज में मिलीं
यशपाल सिंह
आज़मगढ़ : आज 21वीं सड़ी के भारत में लडकियां हर क्षेत्र में आगे हैं। खुद को साबित और स्थापित करने के बावजूद उन्हें अब भी जीने का अधिकार नहीं मिल पा रहा। ओछी मानसिकता के लोग आज भी लड़कियों को बोझ मानते हैं। मंगलवार को जब ऐसे ही दो उदाहरण सामने आये तो सभी का ह्रदय द्रवित हो गया। नवजात बच्चियों को जन्म देकर मरने के लिए छोड़ देने वाले माँ बाप पर सभी थू थू कर रहे थे।
सिधारी थाना के बरामदपुर गाँव में पोलीथिन में भर कर झाड़ियों में नवजात फ़ेंक दी गयी थी। एसओ सरिता सिंह ने नवजात को जिला महिला चिकित्सालय में भारती कराया। बच्ची के अस्पताल पहुँचते ही चिकित्सक जान बचाने में जुट गए। दूसरी बच्ची बिलरियागंज थाना के गोरिया बाज़ार में सड़क के किनारे फेंकी गयी मिली। बच्ची पर दो दिनों बाद किसी की निगाह पडी। तब तक बच्ची काफी लहुलुहान व चोटिल हो चुकी थी। स्थानीय निवासी अविनाश सिंह ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज शर्मा ने बताया कि एक बच्ची सात माह की है व दूसरी काफी जख्मी है। दोनों की हालत नाजुक है। बरामदपुर निवासिनी सुमन बच्ची को गोद लेने के लिए काफी परेशान दिखी।