सड़क खाली कर की बिधायक जी के गाड़ी आवता।

सपना चौधरी के साथ कोमल मिश्रा 
यह आवाज किसी बड़े अधिकारी, नौकरशाह या माफिया की नही है साहब यह आवाज और इरादा है प्रदेश सरकार के बिधायक जी का। जी हा बिजय श्री व कुर्सी मिलने से पहले जिस जनता के सेवक होने का ए ढोल बजाते है कुर्सी मिलने के बाद उसी जनता की परेशानी का सबब बनने मे ए अपना नाज समझते है। जी मामला है महराजगंज के नौतनवा बिधान सभा से बहुचर्चित   बाहुबली नेता व पुर्व मन्त्री अमरमणी त्रिपाठी के बाहुबली निर्दलीय बिधायक व अपनी ही पत्नी के हत्या के आरोपी अमन मणी त्रिपाठी जी से सम्बन्धित।

बिधायक जी जब जनता दर्शन व क्षेत्र भ्रमण के लिए निकले तो काफिले मे सामिल गाड़ियों के हूटर बजाते हुए सायद जनता को यही सबक सिखा रहे थे कि चुनाव से पहले तुम सिरमौर्य थे परन्तु अब मैं बिशिष्ट  (VIP)हू।और प्रदेश के साधारण मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को यही कह रहे होंगे की हम तो नही मानेगे,आप मनाते सिखाते रहो
आज के माननिय बिधायक अमन मणी जी कभी काफी मुश्किलों मे थे।-
चुनाव के समय CBI की हिरासत मे कैद असहाय पुत्र अमन का साथ जब समाजवादी पार्टी ने छोड़ा और टिकट काट दिया तो अमन से ज्यादा तकलीफ सायद हत्या के इल्जाम मे ही सजा काटरहे पिता बाहुबली मन्त्री अमरमणी व माता मधुमणी को हुई होगी।सत्ता के करीबियो से लेकर क्षेत्र व कार्यकर्ता तक जब इस परिवार का साथ छोड़ रहे थे तब इस परिवार की दोनो बेटियो ने भाई को कुर्सी तक पहुचाने की जिद ठानी और ढूबती नाव की दो पतवार बन चुनाव व राजनीति की उफनते सागर मे उतर गयी। भाई को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे खड़ा कर सारी कमान अपने हाथों मे सम्हाले दिग्गज राजनीतिक बिरोधियो से सामना करने के लिए भावनावो व आशुवों को हथियार की तरह इस्तेमाल किया ।
जहाँ पैसो की जरूरत थी वहाँ पैसा बहाया जहाँ आशू की जरूरत थी वहाँ आशू। भावनात्मक रूप से कमजोर जनता मुख्यतः महिलाएँ इन बहनों के साथ जुटती चली गयी और उनकी आशूवो की धार मे बहती चलती जनता ने जो कल तक अमन के बिरोध मे थी बहनों और पेसी मे आए अमन के आशूवो को वोटों मे बदल कर भाजपा की तेज आधी मे भी अमन की नइया पार लगा बिजयश्री का आशीर्वाद दे दिया । बिधायक चुने जाने व योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अमन लगातार योगी के निकट आने के प्रयास मे लगे रहे ।
उनके मंच व सारे कार्यक्रमों मे मौजूद रहते अमन को कभी कभार बिरोध भी झेलना पड़ा। पर योगी आदित्यनाथ को खुद का अभिभावक व पिता तुल्य कहने वाले अमन योगी और मोदी के फरमान को ही सायद भूल गये।
आसुवो की धार बहा जिस जनता की सेवा करने का प्रण लिया था जिन्हें सरआखो पर बिठाने की बात कही थी अब वही जनता बिधायक जी के लिए छोटी हो गयी है और बिधायक जी बिशिष्ट । VIPकल्चर को खत्म करने के लिए सरकार ने बत्ती व हूटर पुर्णत्या प्रतिबन्धित कर दिया है उसी सरकार के बिधायक जी लोग हस मोह को छोड़ नहीं पा रहे। जनता के ए सेवक जब जनता दर्शन व क्षेत्र भ्रमण पर निकल रहे है तो काफिले का गाड़ियाँ लगातार हूटर बजाते हुए उसी जनता से कह रही है कि- सड़क खाली कर बिधायक जी के गाड़ी आवता।                        

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