ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश कुमार ने ठगा नहीं – राजद विधायक वीरेंद्र
(जावेद अंसारी)
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद बिहार का राजनीतिक पारा गरम है, बिहार में महागठबंधन की सरकार है, राजद और कांग्रेस एंटी एनडीए उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन में हैं,वहीं, जदयू एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन कर रहा है, जदयू की ओर से रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की बात सामने आने के बाद से राजद सुप्रीमो लालू यादव लगातार धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हुए फांसीवाद ताकतों से लड़ने के लिए जदयू को ललकार रहे हैं, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार सियासत में अपने अलग स्टैंड, सिद्धांत और नैतिकता के लिए जाने जाते हैं, इसलिए उनके फैसले से वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता।
वही दुसरी ओर शनिवार को राजद के मनेर क्षेत्र के विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘ठग’ बताते हुए कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे नीतीश ने ठगा नहीं, मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र ने जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यहां शनिवार को कहा ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश कुमार ने ठगा नहीं आगे कहा कहा कि नीतीश कुमार किसी भी गठबंधन में रहे हों, उन्होंने अपने पद और फायदे के लिए घटक दलों को ठगने का ही काम किया है, राजद विधायक ने स्पष्ट किया कि नीतीश ने हर मौके पर लोगों को ठगने का काम किया है,भाई वीरेंद्र ने राजद के महागठबंधन से अलग होने के प्रश्न पर कहा कि बिहार की जनता ने महागठबंधन को पांच वर्षों का जनादेश दिया है, इस कारण महागठबंधन से अलग होने का सवाल कहां है, उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि ठगने वालों को जनता खुद सबक सिखा देगी।
उधर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सूबे के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बयान दिया है कि यह विचारधारा की लड़ाई है और उनकी पार्टी इस मसले पर कोई समझौता नहीं करेगी, इस मसले पर सुशील मोदी ने भी अपनी राय व्यक्त की है, सुशील मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद राष्ट्रपति चुनाव में हारी हुई बाजी पर दावं लगा रहे हैं, उन्होंने कहा कि प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और प्रणव मुखर्जी को जब राष्ट्रपति बनाया गया था, तब दलितों के मसीहा बाबू जगजीवन राम की बेटी को क्यों भुला दिया गया था। लालू पर निशाना साधते हुए सुशील मोदी ने कहा कि रामनाथ कोविंद के नामांकन के बाद आज लालू प्रसाद को दलितों के प्रति प्रेम उमड़ा है, मगर जब उनके 15 वर्षों के राज के दौरान बिहार में सैकड़ों दलित गाजर-मूली की तरह काटे गये थे, तब वह कहां थे।राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस बार के राष्ट्रपति चुनाव के संपन्न होने तक, खासकर बिहार में राजनीति गरमायी रहेगी और यहां के नेता एक-दूसरे के खिलाफ में बयानबाजी करते रहेंगे।
लालू प्रसाद के घर इफ्तार में शामिल होने आए नीतीश ने कहा कि विपक्ष को 2019 की जीत के लिए पहल करनी चाहिए थी, लेकिन वो दूरगामी रणनीति बनाने के बदले अपनी शुरुआत हार से कर रहा है। ये कौन सी रणनीति है। मैं ऐसी रणनीति को बहुत व्यावहारिक नहीं मानता। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के पास जब बहुमत थी उस वक्त तो बिहार की बेटी को उम्मीदवार नहीं बनाया। उम्मीदवार जरूर बनाइए, लेकिन पहले बहुमत का प्रयास होना चाहिए । बहुमत हो जाए तो 2022 में बिहार की बेटी को राष्ट्रपति बनाइए।
(राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक गलती न करने की अपील की,उन्होंने कहा, “हम लोग अभी भी नीतीश कुमार द्वारा ही सुझाए गए संघ-मुक्त देश बनाने की राह पर हैं, लेकिन न जानें अब क्या हो गया कि नीतीश ने संघ के व्यक्ति को समर्थन दे दिया, लालू ने हालांकि यह भी कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जदयू के फैसले से बिहार में महागठबंधन की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव में जदयू ने जहां एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा की है, वहीं राजद और कांग्रेस मीरा कुमार के पक्ष में हैं।
आगामी 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद कल राजधानी लखनऊ आ रहे हैं और वह यहां दोनों सदनों से आपने लिए समर्थन मांगेंगे, उत्तर प्रदेश के एक-एक वोट का महत्व भी सबसे ज्यादा है पहली बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए विशेष स्याही वाला 1 पेन भी दिल्ली से लखनऊ भेजा जा रहा है, इस विशेष कलम से वोटर अपने उम्मीदवार को मत देंगे, भाजपा के सूत्रों ने बताया कि वैसे तो रामनाथ कोविंद के 14वें राष्ट्रपति बनने के लिए सभी आकड़े उनके पक्ष में है लेकिन इस सर्वोच्च पद के लिए चुनाव हो रहा है इसलिए वह प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से समर्थन मांगने के लिए लखनऊ आ रहे हैं।